छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा पिछले 42 दिनों से जेल में बंद हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि जमानत मिलने के बाद एक ही केस में उनकी दोबारा गिरफ्तारी हो सकती है। लिहाजा, उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने एसीबी और ईओडब्लयू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
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स्पेशल कोर्ट से लखमा की जमानत खारिज
दरअसल, ED ने लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। ED ने रिमांड पर उनसे 7 दिन पूछताछ की। इसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। ED की विशेष अदालत 2 बार उनकी रिमांड बढ़ा चुकी है। लखमा 4 मार्च तक न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। इसके पहले ED की स्पेशल कोर्ट से लखमा की जमानत खारिज हो चुकी है। साथ ही उन्हें विधानसभा सत्र में भी शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पाई।
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परेशान करने के लिए हो सकती है दोबारा गिरफ्तारी
लखमा के एडवोकेट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता निर्दोष हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी की छापेमारी के दौरान लखमा के घर से न तो कोई नकदी मिली और न ही कोई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले है।
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उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार शराब घोटाले सहित अन्य केस में फंसे लोगों को जेल से बाहर नहीं आने दे रही है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अफसर सहित आरोपियों को जेल में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसे में शक है कि याचिकाकर्ता लखमा को भी जमानत मिलने के बाद दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता है। लिहाजा, याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत दी जाए।
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