/sootr/media/media_files/2025/10/11/keshkal-majhingarh-cg-first-twin-tunnel-construction-the-sootr-2025-10-11-12-55-35.jpg)
Keshkal. छत्तीसगढ़ में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य का पहला ट्विन टनल (Twin Tunnel) केशकाल विधानसभा क्षेत्र के बड़ेराजपुर विकासखंड के माँझीनगढ़ पहाड़ियों में तेजी से बन रहा है। इस टनल के तैयार हो जाने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी लगभग 130 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह टनल भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के अंतर्गत निर्मित की जा रही है और इसे छत्तीसगढ़ के सड़क इतिहास का मील का पत्थर माना जा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें... भोपाल मेट्रो : 767 करोड़ की लागत से बनेगी मेट्रो ट्विन टनल, ब्लूप्रिंट तैयार
कहां बन रहा है ट्विन टनल,क्या है इसकी खासियत?
यह ट्विन टनल राष्ट्रीय राजमार्ग-30 (NH-30) से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खल्लारी के अंतर्गत माँझीनगढ़ पहाड़ियों के नीचे बनाया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 2.8 किलोमीटर है और यह दो हिस्सों में विभाजित है — एक भाग आने वाले वाहनों के लिए और दूसरा जाने वाले वाहनों के लिए। दोनों टनल 16-16 मीटर चौड़ी होंगी और प्रत्येक में 3-3 लेन की सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की शुरुआत जनवरी 2024 में हुई थी और इसे सितंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
केशकाल घाट से जाम की समस्या होगी खत्म
केशकाल घाट में अक्सर बड़े वाहनों और ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। इस टनल के बनने के बाद यह परेशानी काफी हद तक खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही केशकाल बाईपास रोड और भारतमाला सड़क परियोजना के तहत वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किए जा रहे हैं, जिससे भारी वाहनों को सीधा मार्ग मिलेगा और घाट में ट्रैफिक दबाव नहीं रहेगा।
ये खबर भी पढ़ें... देश में बनेगा अभी तक का सबसे चौड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जानिए क्या होगा रूट
सुरक्षा और आधुनिक तकनीक से लैस टनल
टनल में हर 500-500 मीटर पर आपातकालीन वॉल (Emergency Wall) बनाया जा रहा है ताकि यदि कोई वाहन खराब हो जाए या दुर्घटना हो, तो दूसरे लेन से तुरंत निकला जा सके। इसके अलावा टनल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है —
- वेंटिलेशन सिस्टम (Ventilation System)
- सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस
- इमरजेंसी एस्केप रूट्स
- टेलीफोन और कम्युनिकेशन सिस्टम
- फायर अलार्म और सेफ्टी सेंसर
टनल के भीतर हर तकनीकी पहलू पर सख्ती से निगरानी रखी जा रही है ताकि सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित की जा सके।
टनल मैनेजर जी. पुल्लाय्या ने दी जानकारी
टनल परियोजना (Keshkal Twin Tunnel Project) के मैनेजर जी. पुल्लाय्या के अनुसार: “सितंबर 2026 तक हमारा टनल का कार्य पूर्ण हो जाएगा। अभी पहला भाग 2.8 किमी की खुदाई पूरी हो चुकी है, जिसकी सफाई जारी है। दूसरा भाग भी नवंबर तक पूरा हो जाएगा। सुरक्षा कारणों से किसी बाहरी व्यक्ति को फिलहाल प्रवेश की अनुमति नहीं है जब तक एनएचएआई (NHAI) से औपचारिक अनुमति न मिल जाए।”
मुख्य जानकारी एक नजर में
बिंदु | विवरण |
---|---|
स्थान | माँझीनगढ़ पहाड़ियाँ, बड़ेराजपुर (केशकाल विधानसभा) |
लंबाई | 2.8 किलोमीटर (ट्विन टनल – दो हिस्सों में) |
लेन व्यवस्था | 3-3 लेन (अलग-अलग दिशा के लिए) |
परियोजना | भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत |
कार्य आरंभ | जनवरी 2024 |
लक्ष्य पूर्णता | सितंबर 2026 |
स्थिति | पहला भाग पूर्ण, दूसरा भाग नवंबर 2025 तक तैयार |
छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को नई उड़ान
यह परियोजना न केवल रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे की दूरी घटाएगी बल्कि छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बीच व्यापारिक एवं औद्योगिक संपर्क को भी गति देगी। इससे न केवल समय और ईंधन की बचत होगी, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
ये खबर भी पढ़ें... अब एक्सप्रेसवे पर दौडे़गा राजस्थान का विकास, केंद्र ने दी दो एक्सप्रेसवे को मंजूरी