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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट तेजी से प्रगति कर रहा है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण अंडरग्राउंड ट्विन टनल (Underground Twin Tunnel) है, जिसकी लंबाई 1 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण में 767 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस टनल का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है और संभावित स्थानों पर पाइपलाइन, बिजली और अन्य केबल्स का आकलन किया जा रहा है।
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परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
टनल की रूट: यह ट्विन टनल नादरा बस स्टैंड (Nadra Bus Stand) से भोपाल रेलवे स्टेशन (Bhopal Railway Station) तक जाएगी।
निर्माण कंपनियां: कल्पतरू प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (Kalpataru Projects International Limited) और ग्लूमाक (Glumac) को इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है।
अप और डाउन लाइन: एक टनल से अप लाइन और दूसरी से डाउन लाइन की मेट्रो ट्रेनें चलेंगी।
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सुरक्षा और आपातकालीन सुविधाएं
यात्रियों की सुरक्षा के लिए दोनों सुरंगों के बीच क्रॉस पैसेज बनाए जाएंगे। ये पैसेज आग या अन्य आपात स्थिति में यात्रियों को बाहर निकालने के लिए रैम्प की तरह काम करेंगे।
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निर्माण की लागत और समयसीमा
एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इस परियोजना पर 892 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह काम 767 करोड़ रुपए में पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्य को 3.5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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विशेष भूमिगत हिस्सा
यह भूमिगत टनल सिंधी कॉलोनी स्टेशन के दक्षिण को ऐशबाग क्रॉसिंग स्टेशन के पश्चिम से जोड़ेगी। यह भोपाल मेट्रो रूट का इकलौता भूमिगत हिस्सा होगा। इसमें सीवेज, पानी और ड्रेनेज सिस्टम भी शामिल है।