अरुण तिवारी @ RAIPUR. आजकल की राजनीति में वाकई पैसा बोलता है। चुनाव इतने महंगे हो गए है कि उम्मीदवार बनना भी हर किसी के बस का नहीं रहा। चुनाव के दौरान ही आखिर बड़ी रकम क्यों जब्त होती है। जाहिर है चुनावी राजनीति का पैसे से सीधा कनेक्शन है। ये बात हम क्यों कर रहे हैं इसकी वजह है। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में पिछले 18 दिनों में इतना पैसा इन्फोर्समेंट एजेंसी ( enforcement agency ) ने पकड़ा है जिससे 32 उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। ये आंकड़ा आचार संहिता लगने के दिन से अब तक का है। नेताजी का पैसा पकड़ा रहा है तो आम आदमी भी चुनाव आयोग ( election Commission ) का मुखबिर बनकर खूब मुखबरी कर रहा है। नेताजी की आचार संहिता से नजर हटी और ये समझो की दुर्घटना घटी। आचार संहिता लागू होने से अब तक 197 लोग अपने क्षेत्र के नेताजी की शिकायत कर चुके हैं।
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30 करोड़ 47 लाख का कैश और सामान जब्त
राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद इन्फोर्समेंट एजेंसियां बेहद सक्रिय हैं। 16 मार्च से आचार संहिता लागू हुई है तब से लेकर दिनों अब तक बड़ी मात्रा में अवैध धन जब्त किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इन 18 दिनों में 30 करोड़ 47 लाख रुपए की अवैध धन राशि और अन्य वस्तुएं जब्त की जा चुकी हैं। इनमें 9 करोड़ 11 लाख रुपए की नगद राशि शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जाकारी के मुताबिक इन्फोर्समेंट एजेंसियों ने निगरानी के दौरान पिछले 18 दिनों में 24 हजार 226 लीटर अवैध शराब भी जब्त की गई है। इस अवैध शराब की कीमत 56 लाख रुपए है। इसके साथ ही 1 करोड़ 60 लाख रुपए कीमत की 885 किलो अन्य नशीली वस्तुएं भी जब्त की गई हैं। सघन जाँच अभियान के दौरान 1 करोड़ 64 लाख रुपए कीमत के 24.16 किलोग्राम कीमती आभूषण और रत्न भी जब्त किए गए हैं। इनके अतिरिक्त 17 करोड़ 58 लाख रुपए की अन्य सामग्रियां भी जब्त की गई हैं।
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इतने में तो 32 उम्मीदवार लड़ लेते चुनाव
चुनाव आयोग ने एक उम्मीदवार के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 95 लाख रुपए की राशि तय की है। यानी जनता से चुनकर सांसद बनने के लिए एक उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में सिर्फ 95 लाख रुपए खर्च कर सकता है। छत्तीसगढ़ में साढ़े तीस करोड़ रुपए और अन्य सामग्री जब्त की गई है। यानी इस सामग्री का कोई हिसाब किताब नहीं था जिसके कारण इसे अवैध माना गया। चुनाव के समय यह राशि कहां खर्च होती यह सब जानते हैं। इतनी राशि में नियमानुसार 32 उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते थे।
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197 लोग बने चुनाव आयोग के मुखबिर
आचार संहिता लागू होने के बाद कॉमनमैन भी चुनाव आयोग का खूब साथ दे रहा है। इन 18 दिनों में सी विजिल के जरिए चुनाव आयोग को 197 शिकायतें मिलीं। ये सभी शिकायतें आचार संहिता उल्लंघन की थी। चुनाव आयोग ने भी इन शिकायतों का तत्काल निराकरण भी किया। आम नागरिकों से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें सी- विजिल के माध्यम से मिल रही हैं। सी-विजिल पर मिलने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में अलग से नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले खुदद रोजाना मिलने वाली शिकायतों पर हुई कार्रवाई की निगरानी कर रही हैं।
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सी विजिल यानी चुनाव आयोग का आंख कान
आचार संहिता का पालन सुनिश्चित कराने और आम नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने एवं शिकायतों के तत्काल निराकरण के लिए चुनाव आयोग ने सी विजिल एप ( cVIGIL App ) को और मजबूत बनाया है। अब आम नागरिक आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की शिकायत लाइव फोटोग्राफ एवं वीडियो के साथ-साथ ऑडियो क्लिप के माध्यम से भी कर सकेंगे। यदि कोई नागरिक राज्य में आचार संहिता उल्लंघन की कोई घटना देखता है तो सी-विजिल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए घटनास्थल की एक फोटो या 2 मिनट की वीडियो या ऑडियो क्लिपिंग बनाकर एप्लीकेशन के माध्यम से शिकायत कर सकता है। शिकायत गुप्त रूप से भी की जा सकती है या एप्प में पंजीकृत होकर भी की जा सकती है। पंजीकृत उपयोगकर्ता के रूप में शिकायत करने पर उपयोगकर्ता को शिकायत निराकरण के पश्चात उसकी सूचना भी दी जाएगी। यह एप्लीकेशन आम नागरिकों के लिए एंड्राइड/आईओएस दोनों पर उपलब्ध है। सामान्य मामलों में शिकायतों पर कार्यवाही 100 मिनिट के भीतर पूरी कर शिकायतकर्ता को इसकी सूचना दी जाएगी।