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रायपुर. छत्तीसगढ़ अवैध शराब का बड़ा गढ़ बन गया है। आदिवासी राज्य होने के कारण यहां सस्ती,नकली और अवैध शराब का बड़ा बोलबाला है। शराब कारोबारी इसी का फायदा उठाकर घटिया शराब बेचने में कामयाब होते हैं। यही नकली शराब लोगों की मौत का कारण बनती है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में सभी पड़ोसी राज्यों से अवैध शराब आती है लेकिन इसमें मध्यप्रदेश सबसे आगे है।
छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में से 23 जिलों में मध्यप्रदेश की मदिरा पीकर लोग झूम बराबर झूम शराबी कर रहे हैं। यानी छत्तीसगढ़ के 23 जिलों में एमपी की अवैध शराब बिक रही है। वैसे तो मध्यप्रदेश की शराब रायपुर से बस्तर तक बिक रही है लेकिन इसके सबसे बड़े केंद्र रायपुर और कवर्धा हैं।
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एक तरफ एमपी - एक तरफ मयकदा
छत्तीसगढ़ के शराबखोर जमकर मध्यप्रदेश की शराब पी रहे हैं। यह आंकड़े आबकारी विभाग के हैं। नया वित्तीय वर्ष शुरु होने के बाद जब द सूत्र ने पिछले साल के आंकड़े देखे तो यह सामने आया कि अवैध शराब बेचने के मामले में मध्यप्रदेश का कोई सानी नहीं है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में बांबे टू गोवा तक की अवैध शराब आती है लेकिन मध्यप्रदेश की अवैध शराब सबसे ज्यादा है।
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छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से 23 जिलों में एमपी की मदिरा बिक रही है वो भी अवैध तरीके से। एक साल में 6 करोड़ की 40 हजार लीटर अवैध शराब जब्त की गई है। इसमें आधी मात्रा यानी करीब 20 हजार लीटर शराब मध्यप्रदेश की थी। छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों में यह शराब जब्त की गई है। अवैध शराब की सबसे ज्यादा खपत रायपुर और कवर्धा यानी कबीर नगर में है।
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यहां से जब्त की गई एमपी की अवैध शराब
- कबीरधाम - 9300 लीटर
- रायपुर - 1304 लीटर
- उत्तर दक्षिण रायपुर - 6975 लीटर
- बेमेतरा - 7238 लीटर
- बलौदाबाजार - 351 लीटर
- धमतरी - 232 लीटर
- दुर्ग - 625 लीटर
- उत्तर-दक्षिण सरगुजा - 470 लीटर
- मनेंद्रगढ़ - 455 लीटर
- राजनांदगांव - 255 लीटर
- कोरबा - 378 लीटर
- बस्तर - 200 लीटर
- दंतेवाड़ा - 170 लीटर
- खैरागढ़ - 2 लीटर
- बिलासपुर - 40 लीटर
- जीपीएम - 70 लीटर
- मुंगेली - 8 लीटर
- सरगुजा - 85 लीटर
- कोरिया - 10 लीटर
- सूरजपुर - 32 लीटर
- बलरामपुर - 16 लीटर
- बीजापुर - 50 लीटर
- दक्षिण बस्तर - 32
अवैध शराब के 7 हजार मामले
छत्तीसगढ़ में अवैध शराब के 7 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें साढ़े पांच हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी अवैध शराब छत्तीसगढ़ आती है। इनमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, प बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, गोवा, तेलंगाना और चंडीगढ़ शामिल हैं। यह तो सिर्फ वे मामले हैं जो आबाकारी विभाग की कार्रवाई के दौरान सामने आए हैं। विभाग के अधिकारी कहते हैं कि पकड़ में न आने वाली अवैध शराब की मात्रा कहीं ज्यादा होगी। विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है लेकिन अवैध शराब के तस्कर बच निकलते हैं।
शराब की नई नीति से अवैध कारोबार रोकने की कोशिश
छत्तीसगढ़ सरकार नई आबकारी नीति से शराब के अवैध कारोबार को रोकने की कोशिश कर रही है। शराब की नई पॉलिसी में विदेशी शराब पर अतिरिक्त शुल्क हटा दिया गया है। इससे शराब सस्ती हो गई है। विदेशी शराब पर 9.5 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क हटा दिया गया है। इसके अलावा 67 नई शराब दुकानें खोलने का प्रावधान है, जिससे कुल दुकानों की संख्या 741 हो जाएगी। देशी शराब की आपूर्ति के लिए सीलबंद पेटी में सप्लाई की जाएगी। बोतलों पर बारकोड भी लगाया जाएगा।
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पुरानी दुकानों को उन क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां वर्तमान में कोई शराब दुकान नहीं है। शराब दुकानों को एक जिले से दूसरे जिले में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा सभी दुकानों पर देशी और विदेशी शराब मिलेगी। दुकान खोलने का समय भी रात 12 बजे तक किया गया है। सरकार को लगता है कि इससे अवैध शराब के कारोबार पर नियंत्रण लग सकेगा।
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