RAIPUR. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले ( CG liquor scam ) को लेकर ईओडब्ल्यू ( EOW ) की टीम एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी के संयुक्त टीम ने प्रदेश के 13 शराब कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी है। शराब घोटाले में दर्ज एफआईआर मामले में जारी 13 वारंट स्थानों पर ईओडब्ल्यू की टीम की दबिश है। टीम ने एक साथ बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग जिले में छापा मारा है।
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शराब घोटाले को लेकर EOW का एक्शन
मिली जानकारी के अनुसार टीम ने बिलासपुर के सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी, कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी, कुम्हारी दुर्ग स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर स्थित अनवर ढेबर ( Anwar Dhebar ) , विवेक ढांड ( Vivek Dhand ) और अनिल टुटेजा ( Anil Tuteja ) के ठिकानों पर एसीबी ईओडब्ल्यू की टीमें पड़ताल कर रहीं हैं। इन सभी के नाम ईडी की चार्ज शीट में भी शामिल हैं।
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— TheSootr (@TheSootr) February 25, 2024
छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्यवाही
➡️अनवर ढेबर, विवेक ढांड और अनिल टुटेजा के ठिकानों में
EOW का छापा
➡️रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग समेत कई जिलों में ईओडब्ल्यू का
छापेमारी की है।
➡️शराब घोटाले में दर्ज एफआईआर मामले में जारी 13 वारंट
स्थानों पर… pic.twitter.com/b7ebwJ80Fd
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दो पूर्व IAS समेत कई अन्य जांच के घेरे में
EOW ने आबकारी स्कैम में बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 बड़े लोगों के ठिकानों पर दबिश दी है। ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढंड, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, सरकारी शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी, आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धार्थ सिंघानिया शामिल हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के तीनों बड़े डिस्टिलरी केडिया, वेलकम और भाटिया ग्रुप के ठिकानों पर भी EOW की टीम ने छापेमार कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक शराब घोटाले मामले में 150 अफसरों की टीम जांच कर रही है।
शराब घोटाला मामले के मास्टर माइंड
ईओडब्ल्यू ने इसी साल जनवरी में एफआईआर दर्ज किया है, उसी मामले में ये कार्रवाई जारी है। ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टर माइंड बताया गया है। जबकि अन्य लोग सहयोगी की भूमिका में थे। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्लानिंग की थी।