छत्तीसगढ़ के गोबरा नवापारा में 17 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी सुनील कंसारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोपी ने 150 से अधिक लोगों को रकम दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की थी। थाने में आराम से कुर्सी पर बैठकर अखबार पढ़ते वायरल फोटो होने के बाद पुलिस का रवैया संदेहास्पद दिख रहा है। साथ ही पुलिस और आरोपी के बीच मिलीभगत की आशंका गहरा गई है।
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पुलिस की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सुनील कंसारी को थाने में VIP ट्रीटमेंट दिया गया। उसे थाना प्रभारी के कक्ष में AC कमरे में बिठाया गया, जहां वह आराम से अखबार पढ़ता नजर आया। इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी को उसके घर ले जाकर खाना खिलाया, जबकि सामान्य प्रक्रिया के तहत थाने में ही भोजन की व्यवस्था की जाती है। इस विशेष व्यवहार ने पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
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छह महीनों से थाने के चक्कर काट रहे थे पीड़ित
पीड़ितों का आरोप है कि पिछले छह महीनों से वे थाने के चक्कर काट रहे थे, लेकिन नवापारा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करने में आनाकानी की। रविवार को पीड़ितों ने IG और अतिरिक्त SP से शिकायत की, तब जाकर पुलिस ने आनन-फानन में FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। सोमवार को आरोपी को न्यायिक रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया गया।
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पुलिस का काम अपराधियों को सजा दिलाना
पुलिस के इस रवैये से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता और आरोपी को दी गई विशेष सुविधाएं इस बात का संकेत हैं कि कहीं न कहीं साठगांठ हो सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश साहू ने कहा, "पुलिस का काम अपराधियों को सजा दिलाना है, न कि उन्हें VIP ट्रीटमेंट देना। यह घटना पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।"
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कानून-व्यवस्था के प्रति लोगों का भरोसा डगमगाया
इस मामले में पुलिस प्रशासन से स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो पीड़ितों को इतने लंबे समय तक इंसाफ के लिए भटकना न पड़ता। इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था के प्रति लोगों का भरोसा डगमगाया है। इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
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