झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में छत्तीसगढ़ के नेताओं ने अहम भूमिका निभाई। गृहमंत्री विजय शर्मा ने झारखंड में एक हफ्ते तक लगातार प्रचार किया, जबकि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कई विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। बीजेपी ने अपने मंत्री, विधायक और सीनियर नेताओं को इन राज्यों में प्रचार के लिए तैनात किया। नेताओं ने बड़ी रैलियों के बजाय बूथ स्तर पर प्रचार को प्राथमिकता दी और मतदाताओं से सीधे संवाद स्थापित किया।
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2023 छत्तीसगढ़ मॉडल पर जोर
छत्तीसगढ़ के नेताओं ने झारखंड और महाराष्ट्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं को 2023 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में पार्टी की वापसी की रणनीति बताई। उन्होंने बताया कि कैसे 13 से 54 सीटों पर जीत दर्ज कर पार्टी ने सत्ता हासिल की। स्थानीय कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट और मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीतियां सिखाई गईं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मॉडल को फॉलो करते हुए व्यापक जनसंपर्क किया।
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स्थानीय नेताओं के साथ समन्वय
चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के नेताओं ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया कि वे मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने और बीजेपी के पक्ष में मतदान कराने के लिए कैसे प्रेरित करें। महाराष्ट्र में भी छत्तीसगढ़ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनावी रणनीति बनाकर प्रचार में भाग लिया। इस पूरी प्रक्रिया का फोकस बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ बनाना और जनता से सीधा जुड़ाव स्थापित करना रहा।
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