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महासमुंद नगर पालिका में बीजेपी के पूर्व विधायक विमल चोपड़ा को हार का मुंह देखना पड़ा है। कांग्रेस प्रत्याशी निखिल कांत साहू ने यहां विमल चोपड़ा को शिकस्त दी है।
निर्दलीय विधायक बने, अध्यक्ष का चुनाव हारे
चोपड़ा ने 2000 में बीजेपी की टिकट पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था, जिसमें जीत मिली थी। फिर 2005 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। इसके बाद 2014 में निर्दलीय विधायक के रूप में महासमुंद विधानसभा चुनाव जीते। अब बीजेपी ने फिर से उन्हें 2025 में नगर पालिका अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया। इसमें उनको हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस प्रत्याशी निखिल कांत साहू ने उन्हें 3554 वोट से हराया है।
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बेटे ने तीन गुना ज्यादा वोट से हराया
उल्लेखनीय है कि सन 2000 में विमल चोपड़ा ने निखिल कान्त साहू के पिता मनोज कान्त साहू को एक हजार वोटों से शिकस्त देकर पहली बार चुनाव जीता था। उसी कांग्रेस नेता के बेटे निखिल कांत साहू ने इस बार 3554 वोटों से चुनाव जीतकर अपने पिता मनोज की हार का बदला ले लिया है।
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महासमुंद में इस बार का चुनाव काफी रोचक रहा। कांग्रेस पार्टी ने ढाई दशक पहले हारे अपने प्रत्याशी मनोज कान्त साहू के युवा पुत्र निखिल कांत को टिकट दी थी। निखिल ने भी पार्टी के भरोसे को बरकरार रखते हुए दमदारी से चुनाव लड़ा। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी एकजुट होकर अपनी सहभागिता निभाई और बीजेपी की सरकार होते हुए भी अपने प्रत्याशी को जीत दिलाई।
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FAQ
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