टीआई गणेशराम शेंडे की मौत के 26 साल बाद हाईकोर्ट से मिला इंसाफ,पत्नी ने लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई

26 साल पुराने रिश्वत मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिवंगत थानेदार गणेशराम शेंडे को बरी किया, पत्नी ने पति को न्याय दिलाने के लिए लड़ी लंबी लड़ाई।

author-image
Harrison Masih
New Update
mahasamund TI ganeshram shende CG highcourt judgement
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में रिश्वतखोरी के मामले में मृत थाना प्रभारी (TI) गणेशराम शेंडे के मामले में राहत दी है। इस केस की खास बात यह है कि पीड़ित थाना प्रभारी की केस लड़ते-लड़ते मौत हो गई थी, लेकिन उनकी पत्नी ने हार नहीं मानी और करीब 26 साल तक लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार उन्हें न्याय मिला।

यह मामला तब का है जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य नहीं बना था और यह क्षेत्र मध्यप्रदेश का हिस्सा था।

ये खबर भी पढ़ें... मंदिर की संपत्ति पर पुजारी का अधिकार नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

क्या था पूरा मामला?

शिकायत और एफआईआर:
8 अप्रैल 1990 को महासमुंद जिले के बसना थाने में थुरीकोना गांव निवासी जैतराम साहू ने सहनी राम, नकुल और भीमलाल साहू के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी।

रिहाई और रिश्वत का आरोप:
तीनों आरोपियों को उसी दिन मुचलके पर रिहा कर दिया गया, लेकिन दो दिन बाद एक आरोपी भीमलाल साहू ने लोकायुक्त को शिकायत दी कि उसे रिहा करने के एवज में ₹1000 की रिश्वत मांगी गई थी।

लोकायुक्त की रेड और गिरफ्तारी:
शिकायत पर रायपुर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी गणेशराम शेंडे को रंगेहाथों रिश्वत लेते पकड़ा और केस दर्ज कर लिया गया।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, 74 बच्चों को स्कूलों में फिर मिलेगा प्रवेश, आरटीई के तहत मिली बड़ी राहत

ट्रायल कोर्ट का फैसला

1999 में ट्रायल कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत थाना प्रभारी गणेशराम शेंडे को दोषी माना और उन्हें 3 साल की सजा व ₹2000 जुर्माना सुनाया गया। इस फैसले के खिलाफ गणेशराम शेंडे ने उच्च न्यायालय में अपील की, लेकिन अपील की सुनवाई के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई।

पत्नी ने लड़ा पति का केस

पति की मौत के बाद उनकी पत्नी ने केस को आगे बढ़ाया और अदालत से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कोर्ट में यह दलील दी कि उनके पति को झूठा फंसाया गया था और वे निर्दोष थे।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा, जांच अधिकारी को गवाहों से जिरह का अधिकार, कांस्टेबल की बर्खास्तगी बरकरार

  • 26 साल पुराना मामला – रिश्वत लेने के आरोप में फंसे थाना प्रभारी गणेशराम शेंडे की 1999 में मौत हो गई, लेकिन उनकी पत्नी ने कानूनी लड़ाई जारी रखी।

  • उच्च न्यायालय से राहत – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की तीन साल की सजा को निरस्त कर दिवंगत अधिकारी को बरी कर दिया।

  • रिश्वत का आधार संदिग्ध – कोर्ट ने कहा कि जिस जमानत के बदले रिश्वत मांगे जाने का आरोप है, वो पहले ही मिल चुकी थी, इसलिए आरोप असंभव लगता है।

  • व्यक्तिगत नाराजगी की आशंका – शिकायतकर्ता ने दूसरे पक्ष पर कार्रवाई न होने से नाराज होकर थानेदार के खिलाफ शिकायत की थी।

  • पत्नी की जीत – गणेशराम शेंडे की पत्नी ने पति की बेगुनाही साबित करने के लिए सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः न्याय पाया।

 

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की टिप्पणी, रिश्वत बरामदगी ही दोष सिद्ध करने के लिए काफी नहीं, मंडल संयोजक बरी

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपियों को पहले ही जमानत मिल गई थी, इसलिए बाद में उसी जमानत के एवज में रिश्वत मांगने का कोई औचित्य नहीं बनता। कोर्ट ने यह भी माना कि शिकायतकर्ता थाना प्रभारी से नाराज था, क्योंकि उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई थी, इसी कारण उसने बदले की भावना से आरोप लगाया।

गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की सजा को रद्द कर दिया और दिवंगत थाना प्रभारी को दोषमुक्त घोषित किया।

इस ऐतिहासिक फैसले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि देर से ही सही, न्याय जरूर मिलता है। एक पत्नी की अडिग लड़ाई और विश्वास ने 26 साल बाद उसके दिवंगत पति को समाज में सम्मान वापस दिलाया। अदालत का यह फैसला उन सभी के लिए एक मिसाल है, जो झूठे आरोपों का सामना कर रहे हैं और न्याय के लिए संघर्षरत हैं।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

 

CG News छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट CG High Court हाईकोर्ट ने दिवंगत टीआई को दिया इंसाफ महासमुंद टीआई गणेशराम शेंडे Mahasamund TI Ganeshram Shende