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Mahasamund. महासमुंद जिले में नेशनल हाईवे-353 पर शनिवार रात 4 अक्टूबर को हुई एक जघन्य हत्या ने इलाके को हिला कर रख दिया। समय लगभग 8 बजे था, जब जितेंद्र चंद्राकर (46) और उनके दोस्त अशोक साहू (50) स्कूटी से लौट रहे थे। तभी आरोपी अमन अग्रवाल अपनी टाटा सफारी में उनकी राह देख रहा था (Mahasamund double murder)।
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वारदात का तरीका
जैसे ही स्कूटी साराडीह मोड़ पर पहुंची, अमन ने अंधेरे का फायदा उठाकर स्कूटी को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों गिर गए। इसके बाद अमन ने जानबूझकर अपनी कार से दोनों को बार-बार कुचल डाला। जितेंद्र ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अशोक साहू को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उनकी भी मौत हो गई।
घटनास्थल और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग जब घटनास्थल पर पहुंचे तो खून से सने दोनों शव और चकनाचूर स्कूटी देखकर पूरी तरह सन्न रह गए और चीख-पुकार मच गई। उन्होंने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी, ताकि घायल को मदद मिल सके। मृतकों के अंतिम संस्कार के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे-353 पर जाम लगा दिया और पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
पुलिस जांच और साजिश का खुलासा
शुरुआत में पुलिस ने इस घटना को सड़क हादसा मानते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी। लेकिन फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच में कार के पहियों के निशान और चोट के पैटर्न का विश्लेषण कर यह साबित किया कि यह कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी हत्या थी। इसके बाद आरोपी अमन अग्रवाल ने स्वयं पुलिस के हवाले होकर साजिशपूर्वक हत्या करने की बात स्वीकार की।
विवाद की पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, आरोपी अमन अग्रवाल और मृतक जितेंद्र चंद्राकर के बीच लगभग 5 साल पुराना विवाद था। उस समय जितेंद्र ने अमन को थप्पड़ मारा था, जिससे अमन के दिल में बदले की आग घर कर गई। अमन ने यह मौका लंबे समय तक तलाशा और 4 अक्टूबर की रात पूरी योजना बनाकर स्कूटी सवार दोनों की हत्या कर दी। अपने बचाव के लिए उसने अशोक साहू को भी कुचल दिया, ताकि कोई उसे रोक न सके।
महासमुंद डबल मर्डर वारदात को ऐसे समझें
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गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
महासमुंद की एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्रारंभिक रूप से धारा 281, 125(A), 106(1), 184 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। जांच के बाद हत्या (103/1) और षड्यंत्र (61/2) की धाराएं भी जोड़ी गईं। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है, यह पता लगाने के लिए कि साजिश में और कौन शामिल था।
यह वारदात नियमित सड़क हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी। पांच साल पुरानी वैमनस्य और बदले की भावना ने दो परिवारों की जिंदगी एक पल में बर्बाद कर दी। पुलिस की गिरफ्तारी और जांच अब साजिश में अन्य शामिल लोगों की पहचान करेगी।