/sootr/media/media_files/2025/07/05/mahatma-gandhi-horticulture-university-vice-chancellor-appointment-the-sootr-2025-07-05-20-37-53.jpg)
छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों और पारदर्शिता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए डॉ. अवनिन्द्र कुमार सिंह ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता डॉ. अवनिन्द्र कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता सुशोभित सिंह ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया अवैध, अपारदर्शी और भेदभावपूर्ण रही है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि योग्यता और अनुभव का तुलनात्मक मूल्यांकन नहीं किया गया और न ही कोई आधिकारिक मेरिट लिस्ट जारी की गई।
राज्य सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कोर्ट में बताया कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है, जो उद्यानिकी क्षेत्र में रिसर्च, शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है।
कुलपति चयन के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति गठित की गई थी। कुल 38 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 8 नामों का पैनल राज्यपाल सचिवालय को भेजा गया। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद डा. आर. आर. सक्सेना को कुलपति नियुक्त किया गया।
ये खबर भी पढ़ें... सेंदरी मानसिक चिकित्सालय की बदहाली पर हाई कोर्ट सख्त, स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता के आरोप
याचिकाकर्ता का दावा है कि चयन समिति ने अभ्यर्थियों की योग्यता का तुलनात्मक विश्लेषण नहीं किया। मेरिट के आधार पर नंबर नहीं दिए। भेदभावपूर्ण निर्णय लिया, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को नजरअंदाज किया गया। डॉ. अवनिन्द्र का कहना है कि उनके पास शैक्षणिक योग्यता, शोध कार्य और प्रशासनिक अनुभव अधिक है, फिर भी उन्हें दरकिनार कर दिया गया।
हाई कोर्ट की टिप्पणी और आदेश
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह जांच करेगा कि क्या कुलपति चयन में संवैधानिक और वैधानिक प्रावधानों का पालन हुआ है या नहीं। कोर्ट ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई में कोर्ट इस पर गौर करेगा कि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रही या नहीं।
यह मामला शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता और योग्यता आधारित नियुक्तियों के सवाल को एक बार फिर उठाता है। यदि याचिकाकर्ता के आरोपों में दम है, तो यह कुलपति स्तर की नियुक्ति प्रक्रिया की गंभीर खामी को उजागर करता है। अब सभी की नजर हाई कोर्ट की आगे की कार्यवाही और राज्य सरकार के जवाब पर टिकी है।
महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय | दुर्ग महात्मा गांधी विश्वविद्यालय | दुर्ग विश्वविद्यालय कुलपति नियुक्ति | Durg University Vice Chancellor Appointment | Mahatma Gandhi Horticulture University durg | CG High Court
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧