MCB में बेलगाम अवैध खनन, प्रशासन की लापरवाही से गई दो जानें

मनेंद्रगढ़ वनमंडल के अंतर्गत आने वाले घुटरा क्षेत्र में कई दिनों से अवैध कोयला तस्करी का खेल चल रहा था। प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा दो निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

author-image
Manish Kumar
New Update
illegal-mining

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर. मनेंद्रगढ़ जिले में खनिज और राजस्व विभाग की निष्क्रियता एक बार फिर उजागर हुई है। अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी इन विभागों पर है, लेकिन हकीकत यह है कि जिले में अवैध खनन का सिलसिला बेखौफ जारी है। मनेंद्रगढ़ वनमंडल के अंतर्गत आने वाले घुटरा क्षेत्र में कई दिनों से अवैध कोयला तस्करी का खेल चल रहा था। प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा दो निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

खनन माफिया के कारण दो ग्रामीणों की मौत

ग्राम पंचायत घुटरा में 25 मार्च को इंद्रपाल और राजेश नामक दो ग्रामीण अवैध रूप से धुनौटी नदी के किनारे सुरंग बनाकर कोयला निकाल रहे थे। इसी दौरान मिट्टी धंसने से वे अंदर दब गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मृतकों के परिजनों ने खोजबीन शुरू की और उनकी चप्पल, टिफिन और धंसी हुई मिट्टी देखकर अंदाजा लगाया कि वे उसके नीचे दबे हो सकते हैं। सूचना मिलने पर मनेंद्रगढ़ कोतवाली पुलिस, तहसीलदार और खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन से खुदाई के बाद दोनों शव बरामद हुए, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

यह भी पढ़ें... 1 अप्रैल से सस्ती मिलेगी शराब , इस बड़ी शराब कंपनी के पव्वा पर लगा बैन

प्रशासनिक सुस्ती पर उठे सवाल

इस घटना के बाद जिले में अवैध खनन और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। घुटरा और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से अवैध कोयला खनन और ईंट भट्टों के अवैध संचालन की खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर खनिज विभाग इन अवैध ईंट भट्टों पर कार्रवाई कब करेगा?

यह भी पढ़ें... पीएम मोदी की सभा के लिए 100 एकड़ से अधिक में पार्किंग, 120 सेक्टर बने

स्थानीय ठेकेदार का नाम आया सामने

मृतक इंद्रपाल के पुत्र मनीष ने बताया कि गांव का एक ठेकेदार अवैध रूप से कोयला निकलवाता है और उसे स्थानीय ईंट भट्टों पर बेचता है। इसी वजह से उसके पिता और राजेश कोयला निकालने गए थे और हादसे का शिकार हो गए। इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है।

यह भी पढ़ें... पीएम मोदी के लिए अलग हेलीपैड... CM-राज्यपाल का प्लेन भी नहीं उतर पाएगा

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस घटना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एमसीबी ने कहा, "घटना के बाद हमने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यहां प्राकृतिक रूप से कोयला उपलब्ध है, लेकिन किसी बड़े पैमाने पर खनन नहीं हो रहा। फिर भी, यदि कोई अवैध खनन में लिप्त पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

खनिज अधिकारी दयानंद तिग्गा ने सफाई देते हुए कहा, "हमें अवैध उत्खनन की कोई सूचना नहीं थी। जब हमें खबर मिली, तब हमने कार्रवाई की। हम लगातार क्षेत्र में जांच कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कदम उठाएंगे।"

तहसीलदार करमचंद जाटवर ने बताया, "हमें इस क्षेत्र में अवैध खनन की कोई ठोस शिकायत नहीं मिली थी। लेकिन अब जब यह मामला सामने आया है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।"

यह भी पढ़ें... फर्म संचालिका थी पत्नी, सीजीएसटी चोरी केस में पति को किया गिरफ्तार

जनता में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। कई बार अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सरपंच का कहना है कि ग्रामीणों ने कई बार अवैध खनन के खिलाफ शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने हर बार आंख मूंद ली। अब जब दो लोगों की जान चली गई, तब अधिकारी हरकत में आए हैं।

सीजी न्यूज illegal mining अवैध खनन मनेंद्रगढ़ न्यूज मनेंद्रगढ़ दुर्घटना Coal Mine कोयला खदान cg news hindi