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Photograph: (the sootr)
मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर. मनेंद्रगढ़ जिले में खनिज और राजस्व विभाग की निष्क्रियता एक बार फिर उजागर हुई है। अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी इन विभागों पर है, लेकिन हकीकत यह है कि जिले में अवैध खनन का सिलसिला बेखौफ जारी है। मनेंद्रगढ़ वनमंडल के अंतर्गत आने वाले घुटरा क्षेत्र में कई दिनों से अवैध कोयला तस्करी का खेल चल रहा था। प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा दो निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
खनन माफिया के कारण दो ग्रामीणों की मौत
ग्राम पंचायत घुटरा में 25 मार्च को इंद्रपाल और राजेश नामक दो ग्रामीण अवैध रूप से धुनौटी नदी के किनारे सुरंग बनाकर कोयला निकाल रहे थे। इसी दौरान मिट्टी धंसने से वे अंदर दब गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मृतकों के परिजनों ने खोजबीन शुरू की और उनकी चप्पल, टिफिन और धंसी हुई मिट्टी देखकर अंदाजा लगाया कि वे उसके नीचे दबे हो सकते हैं। सूचना मिलने पर मनेंद्रगढ़ कोतवाली पुलिस, तहसीलदार और खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन से खुदाई के बाद दोनों शव बरामद हुए, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
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प्रशासनिक सुस्ती पर उठे सवाल
इस घटना के बाद जिले में अवैध खनन और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। घुटरा और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से अवैध कोयला खनन और ईंट भट्टों के अवैध संचालन की खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर खनिज विभाग इन अवैध ईंट भट्टों पर कार्रवाई कब करेगा?
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स्थानीय ठेकेदार का नाम आया सामने
मृतक इंद्रपाल के पुत्र मनीष ने बताया कि गांव का एक ठेकेदार अवैध रूप से कोयला निकलवाता है और उसे स्थानीय ईंट भट्टों पर बेचता है। इसी वजह से उसके पिता और राजेश कोयला निकालने गए थे और हादसे का शिकार हो गए। इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है।
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अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एमसीबी ने कहा, "घटना के बाद हमने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यहां प्राकृतिक रूप से कोयला उपलब्ध है, लेकिन किसी बड़े पैमाने पर खनन नहीं हो रहा। फिर भी, यदि कोई अवैध खनन में लिप्त पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
खनिज अधिकारी दयानंद तिग्गा ने सफाई देते हुए कहा, "हमें अवैध उत्खनन की कोई सूचना नहीं थी। जब हमें खबर मिली, तब हमने कार्रवाई की। हम लगातार क्षेत्र में जांच कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कदम उठाएंगे।"
तहसीलदार करमचंद जाटवर ने बताया, "हमें इस क्षेत्र में अवैध खनन की कोई ठोस शिकायत नहीं मिली थी। लेकिन अब जब यह मामला सामने आया है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।"
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जनता में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। कई बार अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सरपंच का कहना है कि ग्रामीणों ने कई बार अवैध खनन के खिलाफ शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने हर बार आंख मूंद ली। अब जब दो लोगों की जान चली गई, तब अधिकारी हरकत में आए हैं।