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छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त का संकल्प को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण के लिए मास्टर स्ट्रोक चला है। सरकार की नई पहल महज 120 दिन में नक्सलियों की पूरी जिंदगी बदल देगी। सरकार ने पहली बार नक्सलियों ऑफर दिया है कि अगर वे सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं तो उन पर घोषित इनाम की राशि को दोगुना करके उन्हीं लोगों को दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर अपने साथ हथियार भी लेकर आते हैं तो इसके लिए अलग से इनाम दिया जाएगा।
हथियार लेकर आए तो मिलेगा अतिरिक्त इनाम
सरकार की नई नीति के तहत नक्सली सामूहिक आत्मसमर्पण करते हैं तो उन पर जारी इनाम को तो दोगुना करके दिया ही जाएगा। साथ ही अगर अपने साथ लाइट मशीन गन (एलएमजी) लेकर आने पर 5 लाख और एक-47 लेकर आने पर 4 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिलों में के ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय नक्सली और मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण करेंगे तो ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया जाएगा और वहां के विकास के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाएंगे। इनके अलावा छोटे हथियार कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस, डेटोनेटर पर भी इनाम दिया जाएगा। अगर कोई हथियार न हो तो भी उसे 50 हजार नकद प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था है।
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हथियार इनाम की राशि
मोर्टार 2.50 लाख
एसएलआर/ इंसास रायफल 2 लाख
एक्स 95 असाल्ट रायफल/एमपी-9 टेक्टिल 1.50 लाख
थ्री नाट थ्री रायफल 1 लाख
एक्स-कैलिबर 75 हजार
यूबीजीएल अटेचमेंट 40 हजार
ग्लॉक पिस्टल 30 हजार
315/12 बोर बंदुक 30 हजार
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बम की जगह बताने पर भी इनाम
अगर आत्मसमर्पित नक्सली यह जानकारी देता है कि नक्सलियों के जंगलों में कहां-कहां बम लगा रखे हैं तो उसे भी इनाम देने की व्यवस्था की गई है। इस कार्य के लिए उसे 15 से 25 हजार रुपये अतिरिक्त देने की व्यवस्था है। साथ ही बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री पकड़वाने पर 1 लाख रुपये इनाम मिलेगा। नए नियमों के तहत आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ा शादी करना चाहता है तो उसे एक लाख की विवाह अनुदान राशि दी जाएगी। साथ ही सरकार शादी करवाने में भी मदद करेगी और जिंदगी शुरू करने के लिए जरूरत की चीजें भी दी जाएंगी।
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सहायता राशि मात्र 10 दिनों में मिलेगी
सरकार की नई नक्सल नीति में अगर पति-पत्नी दोनों ही एक साथ आत्मसमर्पण करते हैं तो दंपति को अलग-अलग पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इतना ही नहीं आत्मसमर्पण करने के 10 दिनों में कलेक्टर सहायता राशि भी दिलवाएंगे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पर पहले से पुलिस ने केस दर्ज कर रखे हैं तो 6 माह तक के अच्छे आचरण को देखते हुए सरकार कैबिनेट में केस खत्म करने का फैसला ले सकती है। प्रदेश सरकार ने अपनी नई आत्मसमर्पण नीति 2025 में इसका बंदोबस्त कर दिया है। इसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को पहले पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा, ताकि उन्हें किसी हुनर में प्रशिक्षित किया जा सके।
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आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकारी नौकरी
आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान में पुलिस को मदद की है। इस दौरान उसकी जान और संपत्ति को खतरा है, तो उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या उसके बराबर किसी पद पर नियुक्ति दी जाएगी। पांच लाख और उससे अधिक के ईनामी के आत्मसमर्पण करने पर नक्सली या उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। अगर किसी कारण से नौकरी नहीं दी जा सकी तो 10 लाख की राशि मिलेगी। यह राशि बैंक में FD रहेगी, 3 साल तक उनका व्यवहार ठीक रहा तो यह राशि उसे ट्रांसफर कर दी जाएगी।
बच्चों की शिक्षा के लिए भी प्रावधान
सरकार की नई नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों और उनके बच्चों की शिक्षा की भी व्यवस्था की गई है। आत्मसमर्पित नक्सलियों बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा शासकीय और आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी, जहां रहने और खाने का प्रबंध होगा। अगर बच्चे निजी संस्थान में पढ़ना चाहें तो शिक्षा का अधिकार के आरक्षित सीट में प्रवेश और अनुदान राशि मिलेगी। सरेंडर करने वाला नक्सली खुद पढ़ना चाहे तो उसे भी पढ़ाया जाएगा।
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