रायपुर : छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेजों का हेल्थ ही वीक हो गया है। प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की 50 फीसदी की कमी है। छत्तीसगढ़ के चार मेडिकल कॉलेजों की हालत और खराब है। इन चार मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन ने नोटिस जारी किया है। कमीशन ने कहा है कि यदि नए शिक्षण सत्र के पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं की गईं तो एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इन चार मेडिकल कॉलेजों में महासमुंद,कांकेर,राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। आइए आपको दिखाते हैं कि कितने अनहेल्दी हैं प्रदेश के मेडिकल कॉलेज।
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मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की 50 फीसदी कमी
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प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेज आधी फैकल्टी के सहारे हैं। इन मेडिकल कॉलजों में करीब 50 फीसदी फैकल्टी की कमी है। 1802 फैकल्टी में 1020 पद ही भरे हैं। सबसे ज्यादा सीनियर रेसीडेंट के पद खाली हैं। ऐसे में मेडिकल छात्रों की पढ़ाई आधी फैकल्टी के भरोसे ही चल रही है। एक तरफ फैकल्टी की कमी है तो दूसरी तरफ प्रोबेशन पीरिएड समाप्त होने के बाद भी 88 डॉक्टर आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते डॉक्टरों का प्रमोशन नहीं हो पा रहा है। यदि ये आदेश जारी होता तो कुछ हद तक फैकल्टी की समस्या समाप्त हो सकती थी। लेकिन इन कॉलेजों के डीन अब तक इनका पुलिस वैरीफिकेशन नहीं करा पाए हैं। इन सारी कमियों का खामियाजा मेडिकल स्टूडेंट भुगत रहे हैं।
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ये है फैकल्टी की स्थिति
प्रोफेसर के 241 में से 117 पद खाली हैं यानी 48.5 फीसदी की कमी
एसोसिएट प्रोफेसर के 399 में से 196 पद खाली यानी 49.1 फीसदी की कमी
असिस्टेंट प्रोफेसर के 644 में से 332 पद खाली यानी 51.6 फीसदी की कमी
सीनियर रेसीडेंट के 518 में से 375 पद खाली यानी 72.3 फीसदी की कमी
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4 मेडिकल कॉलेजों को 1 करोड़ की पेनाल्टी का नोटिस
नेशनल मेडिकल कमीशन ने चार मेडिकल कॉलेजों को नोटिस भेजा है। इन चार मेडिकल कॉलेजों में महासमुंद,कांकेर,राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन ने अपने नोटिस में चेतावनी दी है कि यदि नए सत्र यानी अगस्त तक ये फैकल्टी की कमी दूर कर व्यवस्थाएं नहीं सुधारी गईं तो एक करोड़ तक की पेनाल्टी लगाई जा सकती है। इन मेडिकल कॉलेजों में 20 विभागों में से 19 विभागों में फैकल्टी की कमी है। डेंटल विभाग को छोड़कर एनटॉमी, एनीथीसियोलॉजी, बायो कैमिस्ट्री, कम्युनिटी मेडिसिन, डर्मेटोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, माइक्रो बॉयोलॉजी, आब्स एंड गायनी,ऑप्थेलमोलाजी,ऑर्थोपेडिक, ईएनटी,पीडियाट्रिक, पैथोलॉजी, फार्माकोलाजी, फिजियोलॉजी, साइकेट्री व रेडियो डायग्नोसिस विभाग में चिकित्सा शिक्षकों की कमी है। मेडिकल कॉलेज अब नेशनल मेडिकल कमीशन को जवाब भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
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