5 जिलों में रजिस्ट्रार और 16 जिलों में नहीं डिप्टी रजिस्ट्रार, यहां राजस्व के 75 हजार मामले पेंडिंग

द सूत्र की पड़ताल में पता चला कि 6 जिलों में जिला पंजीयक के पद खाली हैं और 16 जिलों में 38 डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं हैं। इन जिलों में राजस्व के 75 हजार मामले पेंडिंग हैं। तो इसका मतलब तो यही हुआ कि इन जिलों के लिए नियम तो बदले हैं लेकिन हालात नहीं बदले।

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Arun Tiwari
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There is no registrar in 5 districts and no deputy registrar in 16 districts, 75 thousand revenue cases are pending here the sootr
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रायपुर : सरकार ने राजस्व मामलों की पेंडेंसी निपटाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया। हाल ही में हुए इस बदलाव को क्रांतिकारी कहा गया। सरकार ने रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को पॉवरफुल बनाते हुए दावा किया कि अब जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण में कोई दिक्कत नहीं आएगी। क्योंकि अब तहसीलदार नहीं यह काम पंजीयन विभाग से सीधे हो जाएगा। यानी इधर रजिस्ट्री और उधर नामांतरण। न चक्कर लगाने की झंझट और न ही रिश्वत देने की तकलीफ। इसके लिए 10 नियम बनाए गए। लेकिन साहब, सवाल ये उठता है कि जब पंजीयन कार्यालयों में रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार ही नहीं होंगे तो फिर इस क्रांति का क्या मतलब। द सूत्र ने इसकी पड़ताल की। पड़ताल में पता चला कि 6 जिलों में जिला पंजीयक के पद खाली हैं और 16 जिलों में 38 डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं हैं। इन जिलों में राजस्व के 75 हजार मामले पेंडिंग हैं। तो इसका मतलब तो यही हुआ कि इन जिलों के लिए नियम तो बदले हैं लेकिन हालात नहीं। 

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सुशासन के लिए नए नियम 

सरकार प्रदेश में सुशासन लाना चाहती है और इसमें रोड़ा बन रहा राजस्व विभाग। राजस्व एक ऐसा विभाग है जो सीधे जनता से जुड़ा हुआ होता है। इस विभाग के तहत जमीन की रजिस्ट्री और नामांकन होता है जो कि सबसे अहम काम है। प्रदेश में राजस्व के लाखों पेंडिंग मामले निपटाने के लिए सीएम विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने नए नियम तैयार किए। इन नियमों में ऑटोमेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सरकार ने बदले 10 नियमों को क्रांतिकारी नियम बताया। इसमें तहसीलदार के अधिकार कम कर जिला पंजीयन विभाग को पॉवरफुल बना दिया गया। अब रजिस्ट्री और नामांतरण का काम ऑटोमोड पर हो जाएगा। आइए सबसे पहले आपको बताते हैं वे नियम जो हालात बदलने का दावा करते हैं। 

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ये हैं 10 नए नियम 

 ऑटोमेशन की प्रक्रिया लागू 
रजिस्ट्री के बाद तत्काल भूमि रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा। 
रजिस्ट्री के बाद भूमि रिकॉर्ड की हस्ताक्षरित प्रति तत्काल दे दी जाएगी।
रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होते ही राजस्व अभिलेखों में  नए क्रेता का नाम अपडेट हो जाएगा।
रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर और भुइयां सॉफ्टवेयर को आपस में जोड़ा गया है।
नामांतरण को रजिस्ट्री से जोड़ने कानूनी संशोधन किए गए हैं।
संपत्ति की डुप्लीकेट बिक्री और भूमि संबंधी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
न्यायालयों में भूमि विवाद व मुकदमेबाजी में कमी आएगी।
नागरिकों को पटवारी और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
वर्तमान में लंबित हजारों नामांतरण प्रकरणों का तेजी से निपटारा संभव होगा।
  

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नियम बदले लेकिन हालात नहीं 

सरकार ने पंजीयन विभाग को पॉवरफुल बनाकर नियमों को सरल तो बनाया है लेकिन जब पंजीयन कार्यालय ही खाली रहेंगे तो इन नियमों को लागू कौन करेगा। जहां पर पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं हैं वहां के लोगों को वही तकलीफ उठानी पड़ेगी जो पहले से उठाते रहे हैं। द सूत्र ने इसकी पड़ताल की कि आखिर कितने जिलों में पंजीयन कार्यायल में रजिस्ट्रार या डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं हैं। इस पड़ताल के मुताबिक छह जिलों में रजिस्ट्रार ही नहीं हैं। वहीं 16 जिले ऐसे हैं जहां पर डिप्टी रजिस्ट्रार के 38 पद खाली हैं। यही नहीं इन जिलों में हमने पेंडिंग मामलों की जानकारी भी जुटाई। इन जिलों में राजस्व के 75 हजार  मामले लंबित हैं। इनमें अधिकांश मामले नामांतरण के हैं। यहां के लोग तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।  

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इन जिलों में ये पद खाली 

 जिला पंजीयक,बालोद 
जिला पंजीयक,मुंगेली
जिला पंजीयक, कवर्धा
जिला पंजीयक,धमतरी
जिला पंजीयक, सूरजपुर
जिला पंजीयक, बलरामपुर


इन जिलों में डिप्टी रजिस्ट्रार के इतने पद खाली 

गरियाबंद - 1
बलौदाबाजार - 4
महासमुंद - 2
दुर्ग - 2
बालोद - 2
बिलासपुर - 1
मुंगेली - 2
राजनांदगांव - 5
कवर्धा - 3
जांजगीर चांपा - 5
रायगढ़ - 2
कोरिया - 2
दंतेवाड़ा - 1
कोरबा - 3
सूरजपुर - 1
बलरामपुर - 2
 

इन जिलों के इतने अटके मामले

 बालोद - 4762
मुंगेली - 2241
कवर्धा - 3899
सूरजपुर - 5111
बलरामपुर - 6559
गरियाबंद - 3360
बलौदाबाजार - 4333
महासमुंद - 5039
दुर्ग - 8637
बिलासपुर - 6725
राजनांदगांव - 3674
जांजगीर चांपा - 4989
रायगढ़ - 4960
कोरिया - 1612
दंतेवाड़ा - 801
कोरबा - 4982
 

वित्त और पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी कहते हैं कि इन नए नियमों से राजस्व विभाग के लंबित मामलों का निपटारा जल्दी से होगा। रही बात खाली पदों की तो उनको भी भर लिया जाएगा। लेकिन सवाल यही है कि कब ये पद भरे जाएंगे और इसकी लंबी प्रक्रिया होती है। जब तक ये पद नहीं भरे जाते तब तक तो यहां के लोग यही कहेंगे कि नियम तो बदल गए लेकिन हालात नहीं बदले। 

 

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