कोर्ट में केस फाइलों में दम तोड़ने के लिए ?... पेंडेंसी 5 लाख पार

Chhattisgarh Courts Pendency Crosses 5 lakh : छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट और जिला अदालतों में पेंडेंसी का आंकड़ा 5 लाख से अधिक हो चुका है।

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Kanak Durga Jha
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छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट और जिला अदालतों में पेंडेंसी का आंकड़ा 5 लाख से अधिक हो चुका है। इसमें अप्रैल में जारी आंकड़ों के अनुसार हाई कोर्ट में 81 हजार 496 केस लंबित हैं, जबकि नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की जिला व अधीनस्थ अदालतों में 4 लाख 24 हजार 614 केस लंबित हैं। पेंडेंसी की वजहों की बात करें तो गवाहों का उपस्थित नहीं होना, किसी वजह से स्टे, आरोपियों का फरार होना, वकीलों का मौजूद नहीं होना, दस्तावेज नहीं होने और वादियों की केस में रुचि नहीं होना सबसे अहम हैं। 

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पेंडेंसी कम होने का नाम नहीं ले रही

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के छत्तीसगढ़ में ज्वॉइन करने के बाद से लगातार कोशिशों के चलते हाई कोर्ट में पेंडेंसी घट रही है। कुछ साल पहले की तुलना करें तो स्थिति नियंत्रण में है। जिला और अधीनस्थ अदालतों में केस लगाने वालों की रुचि नहीं लेने, पुलिस के लचर रवैये, वकीलों की गैरमौजूदगी समेत अन्य कई वजहों से पेंडेंसी कम होने का नाम नहीं ले रही है। 

वर्तमान में प्रदेश की जिला अदालतों में 4 लाख 24 हजार 614 केस लंबित हैं। रायपुर में 1 लाख 1552 केस लंबित हैं, जबकि बिलासपुर में 51777 केस लंबित हैं। बाकी जिलों में औसतन 15 से 25 हजार तक केस लंबित हैं। बता दें कि हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस समेत जजों के 22 पदों की मंजूरी है, जबकि वर्तमान में 16 जज ही कार्यरत हैं। 

सिविल केस कम, क्रिमिनल अधिक 

लंबित मामलों की बात करें तो प्रदेश की जिला और अधीनस्थ अदालतों में लंबित 4 लाख 24 हजार 614 केस में लंबित सिविल केस की संख्या 79 हजार 783 है, जबकि क्रिमिनल केस का आंकड़ा 3 लाख 44 हजार 831 है। वहीं, हाई कोर्ट में हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार 53 हजार 937 सिविल और 81 हजार 496 क्रिमिनल केस लंबित हैं। 

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हाई कोर्ट में 112.85 और जिला अदालतों में 99.35 फीसदी दर से निपटारा 

हाई कोर्ट ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में 112.85 फीसदी की दर से मामलों का निपटारा किया था, जबकि प्रदेश की जिला अदालतों में निपटारे की दर 99.35 फीसदी रही थी। हाई कोर्ट की बात करें तो 22 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 16 जज कार्यरत होने के बाद भी हाई कोर्ट ने वर्ष 2024 में 112.85 फीसदी की दर से केस निपटाए। 

वर्ष 2023 में हाई कोर्ट ने 102.85 फीसदी और जिला न्यायालयों ने 110.11 फीसदी की दर से मामले निपटाए थे। यानी हाई कोर्ट ने पिछले साल की तुलना में अधिक मामले निपटाए, जबकि जिला न्यायालयों का ग्राफ कुछ नीचे गिरा है। हाई कोर्ट ने जनवरी माह में साल 2024 की केस क्लीयरेंस रिपोर्ट जारी की थी। वर्ष 2024 में हाई कोर्ट में 46192 केस दाखिल किए गए, जबकि 52127 केस का निपटारा किया गया। इसी तरह प्रदेश के जिला न्यायालयों में पिछले साल 438604 केस दाखिल हुए, वहीं 435742 मामले निपटे।

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FAQ

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट और जिला अदालतों में कुल कितने केस लंबित हैं?
अप्रैल 2024 के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 81,496 केस और जिला व अधीनस्थ अदालतों में 4,24,614 केस लंबित हैं, यानी कुल मिलाकर 5 लाख से अधिक केस लंबित हैं।
मामलों के लंबित रहने के मुख्य कारण क्या हैं?
मामलों के लंबित रहने के प्रमुख कारण हैं – गवाहों का अनुपस्थित होना, स्टे ऑर्डर लगना, आरोपी का फरार होना, वकीलों की अनुपस्थिति, दस्तावेजों की कमी और वादियों की केस में रुचि की कमी।
हाई कोर्ट और जिला अदालतों में वर्ष 2024 में निपटारे की दर कितनी रही?
वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 112.85% की दर से और जिला अदालतों ने 99.35% की दर से मामलों का निपटारा किया। हाई कोर्ट ने दाखिल मामलों से अधिक केस निपटाए।

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