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रायपुर : किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार एक नया प्रोग्राम शुरु करने जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों की टीम अब किसानों के खेत में उतरेगी। छत्तीसगढ़ आए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में 16 हजार से ज्यादा कृषि वैज्ञानिक हैं जो लगातार कृषि को लेकर रिसर्च कर रहे हैं।
चौहान ने कहा कि अब चार-चार कृषि वैज्ञानिकों की टीम बनाई जाएगी और उनको देश के अलग-अलग जिलों में किसानों के खेत तक भेजा जाएगा। ये वैज्ञानिक किसानों को बताएंगे कि खेत की मिट्टी में किस तत्व की कमी है, कौन सा तत्व ज्यादा है। कौन सी फसल सोना उगलेगी और कौन सी फसल का उत्पादन अच्छा नहीं होगा। चौहान ने सीएम के साथ मंत्रालय में कृषि की समीक्षा बैठक की। वहीं अंबिकापुर में पीएम आवास का आवंटन पत्र सौंपा।
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भूपेश बघेल ने पाप किया है
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोर आवास-मोर अधिकार एक आंदोलन चला था जब पिछली सरकार थी। पुरानी सरकार के मुखिया ने अपने पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री के कहने के बावजूद पीएम आवास की धनराशि आवंटित नहीं की। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना की राशि भेजी लेकिन वो राशि राज्य सरकार ने खर्च नहीं की और इसका परिणाम ये हुआ कि लाखों पात्र हितग्राही लाभ से वंचित रह गए और गरीब को घर न देना एक पाप था।
चौहान ने कहा कि हमने चुनाव के समय किया वादा निभाया। हमने 8.47 लाख आवास आवंटित किए। फिर और मकान की आवश्यकता पड़ी तो 3.03 लाख मकान दिए गए। 2018 की आवास प्लस की सूची में अब केवल 3 लाख 767 हितग्राही बचे थे। इन मकानों की स्वीकृति भी दे दी गई। अब कोई हितग्राही बिना मकान के नहीं बचेगा।
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सरेंडर नक्सलियों को भी मकान
चौहान ने कहा कि नक्सल प्रभावित परिवार का सूची में नाम नहीं है। जो आत्मसमर्पित साथी हैं, उनके लिए भी हमने 15 हजार मकान आवंटित किये हैं, उनका निर्माण प्रारंभ हो गया है। पुरानी सरकार ने एक मुख्यमंत्री आवास योजना बनाई थी, जिसके आवास पूरे नहीं हुए। वो मकान भी अब पूरे हो रहे हैं। हमने नया सर्वे फिर चालू कर दिया है। जो वंचित रह गए उनको वंचित नहीं रहने देंगे। जो संख्या आ रही है उसका फिजिकल वेरीफिकेशन कर के उनको मकान देंगे।
मनरेगा के अंतर्गत पिछले साल 3 हजार 355 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को मिले थे। लेबर बजट को इस बार फिर से रिवाइज किया जाएगा ताकि मकान बनाने के लिए जो हम मनरेगा की राशि देते हैं वो भी पर्याप्त सरकार के पास रहे। मिशन अमृत सरोवर का काम भी चल रहा है। 2,900 सरोवरों का निर्माण हुआ है। अब 192 स्थलों का चयन हुआ है।
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वॉटरशेड की स्कीम है, जिसमें पुरानी जलसंरचना को ठीक करना और नई बनाना शामिल है। इसके अंतर्गत हम राशि देने का काम कर रहे हैं। पीएम ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ ने 42,671 किमी सड़कों का निर्माण किया है, 447 पुल बनाए हैं। जनमन योजना में 715 सड़कों के निर्माण का काम 1,698 करोड़ रुपये से चल रहा है। आजीविका मिशन में 2 लाख 71 हजार समूह में 29 लाख बहनें जुड़ी हैं, इनमें से 4 लाख 32 हजार बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य लिया है।
इस साल 2 लाख लखपति दीदी बनाना था लेकिन इस साल 3 लाख 23 हजार दीदी लखपति बन चुकी हैं। 24 लाख किसानों की किसान आईडी यहाँ बन चुकी है।
कृषि विकास योजना, पर ड्रॉप, मोर क्रॉप, मेकेनाइजेशन के लिए 215 करोड़ 3 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है।
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शिवराज ने की समीक्षा बैठक
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ मंत्रालय में योजनाओं की समीक्षा की। इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विकास का समग्र रोडमैप तय किया गया। बैठक में राज्य और केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई और भविष्य की विकास रणनीतियों पर विचार किया गया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना, डिजिटल सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाना और युवाओं को कौशल आधारित रोजगार देना ही वास्तविक सुशासन है। उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति योजनाओं को सिर्फ आंकड़ों तक सीमित रखने की जगह जन-जीवन में बदलाव लाने की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री चौहान ने अमृत सरोवर योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और जलसंरक्षण की दिशा में ठोस परिणाम सामने आएंगे। राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिक बजट के पुनरीक्षण का आश्वासन दिया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वीकृत आवासों के शीघ्र निर्माण और हो रहे नये सर्वे के भौतिक सत्यापन पर बल दिया।
शिवराज को भाया जशप्योर ब्रांड
शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जशप्योर ब्रांड के उत्पादों की सराहना की। चौहान ने जशप्योर के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 'जशप्योर' न केवल एक ब्रांड है, यह छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।मुख्यमंत्री ने उन्हें जशपुर जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार की गई जशप्योर ब्रांड की खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विशेष परंपरागत टोकरी भेंट की।
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