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Photograph: (THESOOTR)
RAIPUR. मोबाइल, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं सामान्य जीवन का आधार बन चुकी हैं। लेकिन बस्तर ने इन सुविधाओं को कभी देखा ही नहीं था।
ऐसे ही एक इलाके, बीजापुर जिले के ग्राम कोंडापल्ली में उत्सव का माहौल देखने को मिला जब गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क आया। कोंडपल्ली वो गांव है जिसे नक्सलियों का कोर एरिया माना जाता रहा है। यहां पर मोबाइल की बात महज दिवा स्वप्न ही मानी जाती रही है।
नक्सल इलाके में मोबाइल टॉवर
कोंडापल्ली तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित एक घना वन अंचल है। यहां वर्षों से सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। ऐसे में गांव में मोबाइल टॉवर स्थापित होना स्थानीय समुदाय के लिए दुनिया से जुड़ने का प्रतीक बन गया।
जैसे ही टॉवर के शुरू होने की घोषणा हुई, ग्रामीणों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। महिलाएं, पुरुष, बच्चे सभी रैली के रूप में टॉवर स्थल तक पहुंचे। पारंपरिक विधि से टॉवर की पूजा-अर्चना की गई। मांदल की थाप पर लोग भावुक होकर नाच उठे। यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था।
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लोगों ने मनाया कोंडापल्ली उत्सव
इस उत्सव में केवल कोंडापल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों के लोग भी शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके लिए केवल एक तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि “बाहरी दुनिया से पहला वास्तविक जुड़ाव” है। सुरक्षा बलों के जवानों ने भी ग्रामीणों की खुशी में शामिल होकर मिठाइयां वितरित कीं।
अब मोबाइल नेटवर्क ग्रामीणों के लिए बैंकिंग, आधार, राशन, स्वास्थ्य योजनाओं, पेंशन और शैक्षणिक सुविधाओं का प्रवेश-द्वार बनेगा। जिनके लिए यह सेवाएं अब तक दूर का सपना थीं, उनके लिए यह दिन जीवन में एक नया अध्याय लेकर आया है।
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अब वन अंचलों पर फोकस
योजना में 69 नवीन कैम्पों के आसपास स्थित 403 ग्रामों में 9 विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएं और 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं, ताकि ग्रामीण किसी भी मूलभूत सुविधा से वंचित न रहें। इस पूरी प्रक्रिया में संचार अधोसंरचना सबसे प्रभावी साबित हो रही है।
पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में 728 नए टॉवर स्थापित किए गए हैं। इनमें 116 एलडब्ल्यूई कार्यक्रम से, 115 आकांक्षी जिलों में और 467 टावर 4G नेटवर्क के रूप में लगाए गए हैं। इसके साथ ही 449 टॉवरों का 2G से 4G में उन्नयन किया गया है।
कोंडापल्ली में नियद नल्ला नार योजना से तेजी से बदलाव आए हैं। दिसम्बर 2024 में कैम्प स्थापित होने के बाद पहली बार प्रशासन गांव तक नियमित रूप से पहुंचने लगा। यहां लंबे समय से बंद पड़ी सड़क का पुनर्निर्माण बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने जिम्मे लिया है और 50 किलोमीटर सड़क का कार्य प्रगति पर है।
गांव में दो महीने पहले ही पहली बार विद्युत लाइन पहुंची है। बिजली आने के बाद से बच्चों की पढ़ाई, छोटे व्यवसाय और ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा लगातार सेचुरेशन शिविर आयोजित कर सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुंचाया जा रहा है।
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