Mother's Day Special : ड्यूटी और मां का कर्तव्य, छत्तीसगढ़ की 2 महिला पुलिस अधिकारियों की कहानी

मदर्स डे पर हम आपको ऐसी माताओं से रूबरू कराएंगे.. जिन्होंने मां और पुलिस के फर्ज को बखूबी निभाया। छत्तीसगढ़ पुलिस की इन अफसरों ने अपने विभाग के दायित्वों के साथ मां के कर्तव्यों को निभाते हुए मिसाल कायम की है।

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Vikram Jain
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Mother Day Special Story Chhattisgarh Police Inspector Monica Pandey DSP Shilpa Sahu
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RAIPUR. ‎मां‬... जो हमारी जिंदगी‬ की पहली टीचर ‬होती है...  मां.. हमारी पहली दोस्त भी होती है..‬ मां.. हालातों से लड़ना सिखाती है..  जिंदगी जीने का सही सार बताती है मां... आज यानी 12 मई को मदर्स डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। मां के प्रति प्यार, समर्पण, आभार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए दुनियाभर में मातृत्व दिवस मनाया जाता है।  मदर्स डे पर हम ऐसी माताओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने मां का फर्ज तो बखूबी निभाया है। साथ ही अपनी ड्यूटी का फर्ज भी उसी ईमानदारी से पूरा किया।

एक साथ ड्यूटी का फर्ज और मां का कर्तव्य

मदर्स डे स्पेशल स्टोरी ( Mother's Day Special Story) में हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ कि 2 महिला पुलिस अधिकारियों की... इन महिला अफसरों ने अपने विभाग के दायित्वों के साथ मां के कर्तव्यों को निभाते हुए मिसाल कायम की है। दुर्ग पुलिस निरीक्षक मोनिका पांडेय (Police Inspector Monica Pandey) और डीएसपी शिल्पा साहू जो एक मां तो हैं ही साथ ही अपने काम के दम पर डिपार्टमेंट की शान भी हैं। दोनों महिला पुलिस अधिकारियों ने कोरोना काल, भीषण गर्मी, कड़ाके की ठंड किसी की कठिन परिस्थिति में अपना फर्ज निभाया है। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर को पहली प्राथमिकता दी और ड्यूटी को पूरा किया। साथ ही परिवार की जिम्मेदारी भी बेहतर तरीके से निभाया। अपने बच्चे की देखभाल भी उसी तरह की जिस तरह हर एक मां करती है।

दुर्ग पुलिस की दो महिला पुलिस अधिकारियों ने एक बेटी, पत्नी और बहू के साथ एक मां का फर्ज निभाया। निरीक्षक मोनिका पाण्डेय को बेटे के पालन पोषण में कई चुनौतिओं का सामना करना पड़ा और परिवार के अन्य सदस्यों ने ड्यूटी के समय उनका भरपूर साथ भी दिया। वहीं दूसरी पुलिस अधिकारी डीएसपी शिल्पा साहू जिन्होंने गर्भवती होने बावजूद कोरोना काल में कोरोना संकट काल के समय ड्यूटी नहीं छोड़ी।

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बीमार बेटे को छोड़कर जाना पड़ा ड्यूटी

निरीक्षक मोनिका पाण्डेय ने बताया कि उनके पति रेलवे में हैं। उनको एक ही संतान है। उनका बेटा 12वीं में पहुंच गया है। उन्होंने बताया बेटे का पालन पोषण और पुलिस की ड्यूटी में तालमेल करना काफी चुनौती पूर्ण होता है। एक वायका शेयर करते हुए आगे बताती है कि जब उनका बेटा 6 साल का था। इस दौरान वो दुर्ग जिले के खुर्सीपार थाना की इंचार्ज थीं। वहां एक हत्या का मामला पुलिस के सामने आया था। बेटे की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने ड्यूटी का फर्ज पहले निभाया और बेटे को घर में छोड़कर थाने चली गईं।

ड्यूटी पर पहुंचने के बाद कुछ घंटे बाद फोन आया कि बेटे को 103 डिग्री बुखार है। एक पल के लिए उनकी ममता विचलित हो गई। इसके बाद भी उन्होंने अपनी पुलिस की जिम्मेदारियों को आगे रखा। उन्होंने थाने से ही अपने परिचित डॉक्टर को फोन किया। साथ ही परिवार वाले बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे और उसका इलाज कराया। मां जब ड्यूटी से घर लौटी तो नाराज बेटे को गले से लगाया। इससे बेटा खुश हो गया। मोनिका बताती हैं कि बेटे के पालन पोषण में काफी ध्यान दिया।

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गर्भवती होने पर भी लॉकडाउन में की दिलेरी से ड्यूटी

दुर्ग में भी एक ऐसी मां है, जो अपनी मासूम बेटे के पालन-पोषण के साथ-साथ पुलिस का फर्ज बखूबी जिम्मेदारी निभा रही हैं। एक तरफ घर में ममता की मूरत तो दूसरी तरफ अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम... दुर्ग पुलिस ( Durg Police) में पदस्थ डीएसपी शिल्पा साहू (DSP Shilpa Sahu) ऐसी जांबाज और वीरांगना हैं कि उन्होंने गर्भवती होने के बावजूद कोरोना संकट काल के समय ड्यूटी नहीं छोड़ी। लॉकडाउन में गर्भवती महिला डीएसपी शिल्पा साहू ड्यूटी पर तैनाती रहीं, परिवार चिंतित रहा लेकिन उनका हौसला बरकरार है। वो उसी जज्बे के साथ ड्यूटी करती रहीं। 

बेटे के पालन-पोषण के साथ पुलिस का फर्ज

डीएसपी शिल्पा साहू बताती है कि उन्हें ड्यूटी का फर्ज अदा करने में तब और साहस मिला जब उनके माता पिता, पति और पूरे परिवार ने कहा उन्हें उन पर नाज है। मां और ड्यूटी दोनों जिम्मेदारी का तालमेल बैठाने में परिवार का साथ मिला। अब शिल्पा साहू का बेटा ढाई साल का हो गया है। ड्यूटी खत्म होने के बाद वो अपने बेटे को पूरा टाइम देती हैं। एक मां की तरह उसे दुलार और प्यार देती हैं। जब वो ड्यूटी पर होती हैं तो उनकी मां बच्चे की देखभाल करती हैं। 

मां बनना काफी गर्व की बात

अपने फर्ज को लेकर शिल्पा साहू कहती हैं कि उनका बेटा भी किसी फाइटर से कम नहीं है। वो इतनी छोटी सी उम्र में ये जानता है कि उसकी मां और पापा पुलिस ऑफिसर हैं। वो अगर सोकर उठता है और शिल्पा वर्दी में तैयार होती हैं तो उन्हें देखकर बेटा रोता है। उन्हें ड्यूटी जाने से रोकता है। जब वह कहती हैं कि बेटा ड्यूटी जाना पड़ेगा। तो बेटा कहता है कि मम्मा ड्यूटी जल्दी आना… शिल्पा भी अपने बेटे को प्यार से थपकी देती हैं और अपने फर्ज की राह पर निकल जाती है। उनका कहना है कि मां से बड़ा इस दुनिया में दूसरा कोई शब्द नहीं है। मां बनना काफी गर्व की बात है।

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