मेरी क्या गलती थी ईश्वर..? जो मां ने पैदा होते ही मुझे फेंक दिया
जन्म लेना कोई पाप तो नहीं पर शायद इस नवजात की मां ने अपने बेटे को पाप समझ लिया। जिस बच्चे को दिल से लगाना था उस बच्चे को महिला ने बोरी में भर के नाली में फेंक दिया।
जन्म लेना कोई पाप तो नहीं पर शायद इस नवजात की मां ने अपने बेटे को पाप समझ लिया। जिस बच्चे को दिल से लगाना था उस बच्चे को महिला ने बोरी में भर के नाली में फेंक दिया। भखारा के चरोटा-गातापार मोड़ के पास सड़क किनारे नाले में किसी अज्ञात महिला ने जिंदा नवजात को नार-फूल के साथ प्लास्टिक बोरी में भरकर फेंक दिया।
इसकी जानकारी बुधवार को सुबह 6 बजे ग्रामीणों को हुई। चरोटा की मितानिन राधा ध्रुव तुरंत पहुंची। उन्होंने बोरी से नवजात को बाहर निकाला। दूसरी महिला से स्कार्फ मांगकर बच्चे को लपेटा। तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोर्रा पहुंची। नर्स ने सफाई कर एंबुलेंस से ऑक्सीजन लगाकर जिला अस्पताल लाई। एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती है।
सूत्रों के मुताबिक जिंदा नवजात के फेंकने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग रिकॉर्ड ढूंढ रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा रामपुर, पचपेड़ी, सिलौटी, तर्रागोंदी, भेंड्रा, गातापार जैसे उप स्वास्थ्य केंद्रों से भी गर्भवतियों की जानकारी ले रही, ताकि बच्चे को फेंकने वाले अज्ञात का पता चले।
फेंकने के कुछ घंटे पहले जन्म की संभावना
एसएनसीयू प्रभारी डॉ. अखिलेश देवांगन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रविकिरण शिंदे ने बताया कि सुबह करीब 7.45 बजे जिला अस्पताल बच्चे को लाया गया। आशंका है कि जन्म के कुछ समय बाद ही फेंका था। बच्चे का शारीरिक तापमान बहुत कम हो गया था, जिसे तुरंत वॉर्मर में रखकर इलाज शुरू किया। सांस लेने में हो रही दिक्कत को ध्यान में रखकर सी-पैप मशीन से ऑक्सीजन दी गई है। स्थिति में सुधार आ रहा है।
भखारा टीआई लेखराम ठाकुर ने कहा कि सूचना पर पुलिस घटना स्थल पहुंची। आसपास की जांच, पूछताछ हुई। कैमरे खंगाल रहे। नवजात को फेंकने वाले का पता नहीं चला। अज्ञात के खिलाफ एफआईआर की। पुलिस की जांच जारी है।
भखारा के चरोटा-गातापार मोड़ के पास सड़क किनारे नाले में किसी अज्ञात महिला ने नवजात को नार-फूल के साथ प्लास्टिक की बोरी में भरकर फेंक दिया। ग्रामीणों ने सुबह 6 बजे इसे देखा और मितानिन राधा ध्रुव ने बच्चे को बचाया।
नवजात की स्थिति क्या थी, और उसे कैसे बचाया गया?
नवजात का शारीरिक तापमान बहुत कम था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, सफाई के बाद जिला अस्पताल लाया गया, और एसएनसीयू में भर्ती किया गया। इलाज के लिए सी-पैप मशीन से ऑक्सीजन दी गई।
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना पर क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड खंगालकर बच्चे को फेंकने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।