रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार को बजट पेश करने के साथ ही एक और बड़ा निर्णय लिया। सरकार ने
राजिम माघी पुन्नी मेले का नाम बदल दिया है। अब इसे राजिम कुंभ कल्प के नाम से जाना जाएगा। कैबिनेट में इसका फैसला लिया गया। बजट सत्र के चलते साय सरकार के मंत्रियों की कैबिनेट बैठक विधानसभा में रखी गई।
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28 से लगेगा मेला 8 मार्च तक चलेगा
धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि राजिम में राजिम कुंभ कल्प आयोजन 28 फरवरी से 8 मार्च तक होगा।
रामोत्सव होगी धीम
इस बार राजिम कुंभ कल्प को इस बार रामोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है। सरकारी अधिकारियों को निर्देश हैं कि आयोजन में राजिम कुंभ की भव्यता दिखे। राजिम मेले में इस दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे। देशभर से बड़ी संख्या में नागा साधु संत भी कुंभ में आएंगे। भाजपा की सरकार आने से पहले कांग्रेस के कार्यकाल में राजिम कुंभ का नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला कर दिया गया था। अब भाजपा की सरकार पांच साल बाद राजिम कुंभ को भव्यता से आयोजित करने जा रही है।
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देश के मशहूर संत आएंगे
राजिम के मेले में विश्वस्तरीय साधु संतों में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री, पंडित प्रदीप मिश्रा भी आएंगे। दोनों ही संतों को मानने वाले करोड़ों लोग हैं। रायपुर में पिछले दिनों हुए दोनों ही संतों के कार्यक्रमों में 7 से 8 लाख लोग पहुंचे थे। मंत्री अग्रवाल ने बताया कि मेला अवधि के दौरान तीनों जिलों रायपुर, गरियाबंद, धमतरी के परिवहन विभाग को कोऑर्डिनेशन करते हुए सभी दिशाओं से लगभग 100 बस अलग अलग टाइमिंग में रात 2 बजे तक चलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मेला आने वालों को आवागमन में परेशानी न हो। साथ ही बस में सुरक्षा की दृष्टि से होम गार्ड भी रखना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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