अरुण तिवारी, BHOPAL. प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों पर मेहरबानी दिखाती है। ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की कार्यवाही में जो सरकारी नुमाइंदे फंसते हैं, उनको सरकार अभियोजन की मंजूरी ही नहीं देती है। यही कारण है कि मामले जांच के स्तर पर भी लटके रहते हैं। लोकायुक्त ने पिछले पांच सालों में 75 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की है, लेकिन इनमें से 70 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति का इंतजार है। सरकार ने अब सीएम की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है जो इन भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति देगी।
62 मामलों पर अभी जांच ही चल रही है
लोकायुक्त ने पिछले पांच सालों में 75 कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की है। साल 2019 से 2024 तक इन कर्मचारियों को लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। इनमें सबसे ज्यादा सहकारिता विभाग के कर्मचारी हैं। जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त ने जिन अधिकारी-कर्मचारियों पर छापा मारा है उनमें 62 मामलों पर अभी जांच ही चल रही है। 6 मामले अभियोजन की स्वीकृति के लिए सरकार के पास लंबित हैं। 2 मामलों में खात्मा की कार्यवाही की गई है। 1 मामले में चालान पेश किया जा रहा है। चार मामलों में अदालत में चालान पेश किया गया है, लेकिन अदालत ने अभी तक उन पर कोई फैसला नहीं किया है।
24 विभागों के 90 कर्मचारियों के खिलाफ FIR
ईओडब्ल्यू में भी कुछ इसी तरह का मामला है। ईओडब्ल्यू ने 24 विभागों के 90 कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, लेकिन इन मामलों में चालान पेश करने के लिए ईओडब्ल्यू को सरकार से अभियोजन की मंजूरी नहीं मिली है।
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इतने अधिकारियों की अभियोजन की मंजूरी लंबित...
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग- 12
- सामान्य प्रशासन विभाग- 10
- नगरीय प्रशासन- 15
- राजस्व- 8
- जल संसाधन विभाग- 1
- चिकित्सा शिक्षा- 5
- पीडब्लयूडी- 4
- वाणिज्यिक कर विभाग- 1
- आदिमजाति कल्याण विभाग- 2
- उद्योग विभाग-1
- सहकारिता विभाग- 1
ये कमेटी भ्रष्टाचार के मामलों की पेंडेसी खत्म करेगी
सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों में जल्द से जल्द अभियोजन की स्वीकृति दिलाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं। सदस्यों में दो डिप्टी सीएम, नगरीय प्रशासन मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और पीएचई मंत्री शामिल हैं। ये कमेटी भ्रष्टाचार के मामलों को प्राथमिकता से लेगी और पेंडेसी खत्म करेगी।