छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को बड़ा झटका! 33 लाख के इनामी खूंखार इनामी नक्सल दंपति ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के सुकमा में, दरभा डिवीजन के शीर्ष माओवादी नेता जयलाल और उसकी पत्नी विमला ने सरेंडर कर दिया है। यह नक्सल संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका है। वे ताड़मेटला और झीरम घाटी जैसे कई बड़े हमलों में शामिल थे। इन दोनों पर 33 लाख रुपए का इनाम था।

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Sanjay Dhiman
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naxal couple surrender in sukma

Photograph: (the sootr)

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SUKMA.छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलता मिल रही है। इसी बीच एक और बड़ी खबर आई है। दरभा डिवीजन के दो बड़े इनामी नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण कर दिया। ये दोनों ताड़मेटला कांड, झीरम घाटी हमला और कई अन्य बड़े हमलों में शामिल थे।

जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा और उसकी पत्नी विमला ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इन दोनों का सरेंडर नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दोनों ने सुकमा पुलिस अधीक्षक के सामने सरेंडर किया।

जयलाल और विमला का माओवादी जीवन

जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा पर 25 लाख रुपए का इनाम था। वह माओवादी संगठन के स्पेशल ज़ोनल कमेटी (SZCM) के सदस्य के रूप में कार्य कर रहा था। नक्सली जयलाल ने माओवादी संगठन में 40 वर्षों तक सक्रिय भूमिका निभाई। उसने 1994 में बाल संगठन सदस्य के तौर पर शुरुआत की और कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।

वह कई बड़े हमलों में शामिल रहा, जिनमें 2010 में ताड़मेटला हमला, 2013 में झीरम घाटी हमला, 2020 में मिनपा हमला, 2021 में टेकलगुडेम मुठभेड़ और 2024 में टेकलगुड़ा और धर्माराम कैंप हमले प्रमुख हैं।

विमला, जो कि जयलाल की पत्नी हैं, भी 20 वर्षों से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय थीं। उन पर 8 लाख रुपए का इनाम था। वह मूल रूप से सुकमा जिले के फूलबगड़ी की निवासी हैं। विमला ने भी माओवादी संगठन में कई अहम पदों पर काम किया, जैसे कि एरिया कमेटी इंचार्ज।

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छत्तीसगढ़ नक्सली सरेंडर को ऐसे समझें 

  • छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादी दंपति जयलाल और विमला ने आत्मसमर्पण किया।
  • जयलाल पर 25 लाख और विमला पर 8 लाख रुपये का इनाम था।
  • जयलाल 40 साल से माओवादी संगठन में सक्रिय था, कई बड़े हमलों में शामिल था।
  • विमला 20 वर्षों से माओवादी गतिविधियों में थी, उसने कई प्रमुख पदों पर काम किया।
  • दोनों ने माओवादी विचारधारा से मोहभंग होकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।

आत्मसमर्पण का कारण

पुलिस के अनुसार, जयलाल और विमला ने नक्सल विचारधारा से मोहभंग होने के बाद आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। वे अब हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का इच्छुक हैं। माओवादी संगठन पर बढ़ते दबाव, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति ने इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया।

 नक्सलियों की पुनर्वास नीति

राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए पुनर्वास योजना चला रही है। इसके तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इन दोनों को नगद प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास के लिए मदद मिलेगी। पुलिस प्रशासन का कहना है कि वे इन दोनों माओवादी नेताओं को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेंगे।

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अन्य माओवादी कैडरों से अपील

पुलिस अधीक्षक सुकमा श्किरण चव्हाण ने अन्य माओवादियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ समाज में वापस लौटें। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति, रोजगार के अवसर मिलने से अन्य माओवादी भी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह कदम राज्य में माओवादी गतिविधियों को समाप्त करने में मददगार साबित हो रहा है। 

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