रिजर्व क्षेत्र के अबूझमाड़ के जंगल में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए 3 नक्सलियों में से एक माटवाड़ा एलओएस कमांडर 5 लाख के इनामी एसीएम स्तर के नक्सली अनिल पुनेम के रूप में शिनाख्त हुई है। बीते 6 जनवरी को कुटरू क्षेत्र के अंबेली में ऑपरेशन से लौट रहे जवानों की गाड़ी को नक्सलियों ने निशाना बनाकर आईईडी विस्फोट किया था। इस विस्फोट में 8 जवान शहीद हो गए थे।
विस्फोट का मास्टरमाइंड था अनिल पुनेम
इस आईईडी विस्फोट का मास्टरमाइंड यही एलओएस कमांडर अनिल पुनेम ही था। लंबे समय से जवान इसकी तलाश कर रहे थे, जैसे ही उसकी मौजूदगी की खबर जवानों तक पहुंची, जवानों ने उसे निशाना बनाया। मुठभेड़ के बाद जवानों ने मौके पर सचिंग की, जिसमें जवानों ने मारे गए तीनों नक्सलियों के शवों समेत कई हथियार बरामद किए।
बताया जाता है कि बीजापुर जिले के दायरे में आने वाले इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आईटीआर) क्षेत्र में अबूझमाड़ इलाके में कुछ नक्सलियों की मौजूदगी का इनपुट शुक्रवार को अफसरों को मिला। इस पर अफसरों ने ऑपरेशन की प्लानिंग की और इसमें बीजापुर व दंतेवाड़ा से डीआरजी, एसटीएफ व कोबरा की दो बटालियन्स को शामिल किया।
डीआरजी, एसटीएफ व कोबरा की संयुक्त पार्टी को मौके के लिए शुक्रवार की रात ही रवाना कर दिया गया। रातभर जवान जंगलों की खाक छानते हुए मौके पर पहुंचे और अलसुबह ही नक्सलियों के ठिकाने को घेर लिया।
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में से सबसे बड़ा नक्सली कौन था और उस पर कितना इनाम था?
मुठभेड़ में मारा गया सबसे बड़ा नक्सली अनिल पुनेम था, जो माटवाड़ा एलओएस (Local Organizing Squad) का कमांडर और एसीएम (Area Committee Member) स्तर का नक्सली था। उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
अनिल पुनेम को किस घटना का मास्टरमाइंड माना गया था?
अनिल पुनेम 6 जनवरी को कुटरू क्षेत्र के अंबेली में हुए आईईडी विस्फोट का मास्टरमाइंड था, जिसमें 8 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से सुरक्षा बल उसे तलाश रहे थे।
नक्सलियों के खिलाफ हुए इस ऑपरेशन में किन सुरक्षा बलों ने हिस्सा लिया?
इस ऑपरेशन में डीआरजी (District Reserve Guard), एसटीएफ (Special Task Force) और कोबरा (Commando Battalion for Resolute Action) की दो बटालियनों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। ये ऑपरेशन बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की संयुक्त कार्यवाही थी।