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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के घने जंगलों में बसे नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है। शनिवार को हुई एक तीव्र मुठभेड़ में माओवादियों की कुख्यात मिलिट्री कंपनी के स्नाइपर सोढ़ी कन्ना को मार गिराया गया। पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मारे गए माओवादी की पहचान की पुष्टि कर दी है, जिसके बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों का मनोबल और मजबूत हुआ है।
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सोढ़ी कन्ना एक मोस्ट वांटेड नक्सली और खतरनाक इतिहास
सोढ़ी कन्ना, जगरगुंडा थाना क्षेत्र के किस्टाराम गांव का निवासी, नक्सलियों की सशस्त्र टुकड़ी 'मिलिट्री कंपनी' का प्रमुख सदस्य था। उसकी शार्पशूटर के तौर पर कुख्याति थी, और वह कई घातक हमलों में शामिल रहा था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था, जिससे उसकी मोस्ट वांटेड सूची में अहम जगह थी। कन्ना न केवल सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल था, बल्कि नक्सलियों की रणनीति तैयार करने और हथियारों के इस्तेमाल में भी माहिर था। उसका मारा जाना माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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सटीक रणनीति और सुरक्षा बलों की ताकत
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, खुफिया जानकारी के आधार पर बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। घंटों चली इस मुठभेड़ में सोढ़ी कन्ना मारा गया। मुठभेड़ स्थल से एक राइफल, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई, जो इस बात का सबूत है कि कन्ना किसी बड़े हमले की फिराक में था।
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क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी, नक्सलियों पर बढ़ा दबाव
इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की रणनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। बीजापुर और आसपास के इलाके, जो नक्सलियों का गढ़ माने जाते हैं, में हाल के महीनों में सुरक्षा बलों ने कई सफल ऑपरेशन किए हैं। सोढ़ी कन्ना जैसे बड़े नक्सली कमांडर के खात्मे से माओवादी संगठन की कमर टूटने की संभावना है। मुठभेड़ के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया है, ताकि बचे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके और उनके ठिकानों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय प्रभाव और भविष्य की रणनीति
सोढ़ी कन्ना का मारा जाना न केवल सुरक्षा बलों की ताकत को दर्शाता है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी विश्वास जगाता है कि नक्सलवाद के खिलाफ जंग में सरकार और पुलिस मजबूती से डटी हुई है। बीजापुर जैसे संवेदनशील इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव कम करने के लिए सरकार विकास कार्यों के साथ-साथ सैन्य कार्रवाइयों को भी बढ़ावा दे रही है।
इस मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में और सतर्कता बरती जा रही है, ताकि नक्सलियों की किसी भी साजिश को नाकाम किया जा सके। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। सुरक्षा बलों की इस सफलता से नक्सलियों के हौसले पस्त होने की उम्मीद है, और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा है।
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