New DGP Arun Deo Gautam :छत्तीसगढ़ को नया डीजीपी मिल गया है। जारी आदेश के अनुसार इन्हें प्रभारी डीजीपी बनाया गया है। इस दौड़ में पवन देव गौतम और हिमांशु गुप्ता भी शामिल थे, लेकिन बाजी मारी अरुण देव गौतम ने।
अरुण देव को डीजीपी बनाए जाने की वजह भी खास है। दरअसल, 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव आरएसएस की पसंद हैं। आरएसएस की मुहर होने की वजह से ही इन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।
आईपीएस अरुण देव गौतम छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के अफसर हैं। इन्होंने एमए और एमफिल किया है। गौतम कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर के एसपी रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो गौतम के पास प्रदेश में जमीनी स्तर पर काम करने का खासा अनुभव है।
अरुण देव एडीजी के कार्यकाल के दौरान जेल और परिवहन, नगर सेना, अग्निश्मन, लोक अभियोजन की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके अलावा गौतम गृह विभाग के सचिव और ओएसडी भी रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, बिलासपुर, बस्तर रेलवे प्रशिक्षण भर्ती और यातायात में आईजी रह चुके हैं। गौतम निवर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा के बाद छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर और आईपीएस अफसर हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल सोमवार यानी 3 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था। उन्हें पहले अपनी सर्विस में दो बार एक्सटेंशन मिल चुका था।
FAQ
छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी कौन बने हैं?
छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी अरुण देव गौतम बने हैं। उन्हें प्रभारी डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया है।
डीजीपी पद की दौड़ में और कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे?
डीजीपी पद की दौड़ में पवन देव गौतम और हिमांशु गुप्ता भी शामिल थे, लेकिन अंतिम चयन अरुण देव गौतम का हुआ।
अरुण देव गौतम को यह पद क्यों दिया गया?
अरुण देव गौतम 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और आरएसएस की पसंद माने जाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में एसपी के रूप में काम किया है, जिससे उन्हें जमीनी स्तर पर प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है।