अरुण तिवारी @ Raipur. नक्सली समस्या के हल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नए- नए तरीके अपना रही है। सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते खुले रखे हैं। साथ ही उनको अपनी बात रखने का ऑफर भी दिया है, लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी नक्सलियों की तरफ से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है। अब सरकार ने नक्सलियों के सरेंडर के लिए नई योजना तैयार की है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस नई योजना का ऐलान किया है। क्या है ये नई योजना आइए आपको बताते हैं...।
माओवादियों से पूछी पुनर्वास नीति
सरकार ने माओवादियों से ही पूछा है कि वे अपनी पुनर्वास नीति में आखिर क्या चाहते हैं। गृह मंत्री विजय शर्मा ने जगदलपुर में एक गूगल फॉर्म जारी किया है। यह फॉर्म नक्सलियों की पुनर्वास नीति का फॉर्म है। गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग नक्सलियों के बीच में काम करते हैं या जो लोग उनके संबंध में रिपोर्टिंग करते हैं। वे ये फॉर्म लेकर उनके बीच जा सकते हैं। इस फॉर्म के जरिए वे माओवादियों से पूछ सकते हैं कि आखिर उनकी पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए। वे पुनर्वास नीति में क्या चाहते हैं जिससे वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। सरकार उनकी हर जायज मांग पर विचार करने के लिए तैयार है।
सरकार नाउम्मीद नहीं
गृहमंत्री ने कहा कि सरकार नाउम्मीद नहीं है। भले ही अब तक बातचीत के लिए नक्सलियों ने कोई पहल नहीं की है लेकिन उम्मीद है कि उनकी कोशिश कामयाब होगी। दीप्ती सीएम विजय शर्मा ने कहा कि आखिर जंगल में बंदूक लेकर फिरने से क्या हासिल हो सकता है। वे चाहे नक्सली हों या फिर हमारे सुरक्षाबल जो लगातार जंगल में कैंप बनाकर रह रहे हैं। छत्तीसगढ़ विकसित राज्यों में शुमार हो और दूरदराज के गांवों तक विकास का पहिया घूमे इसमें सभी की भलाई है।
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