/sootr/media/media_files/2025/07/06/no-this-is-not-yamuna-but-agar-river-chhattisgarh-2025-07-06-17-39-28.jpg)
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में इन दिनों आगर नदी पर बना खर्राघाट स्टॉपडेम सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। यहां नदी में झाग की मोटी सफेद चादर फैल गई है। दूर से देखने पर यह नजारा किसी फोम पार्टी या “जमीन पर उतरे बादल” की तरह लगता है। लेकिन असलियत इससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। स्थानीय लोग और पर्यावरण विशेषज्ञ इसे महज इत्तेफाक नहीं, बल्कि नदी में बढ़ते प्रदूषण का साफ संकेत मान रहे हैं।
ये खबर भी पढ़िए...13 साल की उम्र में पिता बने नक्सली... बेटी ने पास किया नीट एग्जाम
मुंगेली में रासायनिक खतरा
एक तरफ स्टॉपडेम में पानी का शांत बहाव, तो दूसरी ओर जलकुंभी की हरियाली और यह झाग, जिसने इलाके को सेल्फी स्पॉट में बदल दिया है। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं बड़ी संख्या में इसे देखने पहुंच रहे हैं। लेकिन बेहद कम लोग समझ पा रहे हैं कि यह नजारा एक चेतावनी भी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नदी में इतने झाग का बनना सामान्य प्रक्रिया नहीं होती।
ये खबर भी पढ़िए...राजधानी के मेडिकल कॉलेज में HOD डॉक्टर की अश्लील हरकतें... FIR दर्ज
यह अक्सर केमिकलयुक्त नाले, डिटर्जेंट, फॉस्फेट या किसी फैक्ट्री के अपशिष्ट जल के सीधे नदी में मिल जाने का नतीजा हो सकता है। इसके अलावा, जलकुंभी की अधिकता भी पानी में ऑक्सीजन की कमी और जैव असंतुलन की ओर इशारा कर रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल, हकीकत में खतरनाक
खर्राघाट स्टॉपडेम के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं। लोग इसे “नदियों में जमी हुई बर्फ” जैसा बता रहे हैं। पर सच्चाई यह है कि यह सुंदरता सिर्फ देखने भर की है। झाग असल में नदी के बिगड़ते स्वास्थ्य का सबूत है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि “हर साल बारिश होती है, लेकिन ऐसा झाग हमने कभी नहीं देखा। ये सुंदर तो लग रहा है, लेकिन डरावना भी है।”
छत्तसीगढ़ के आगर नदी में झाग | आगर नदी में झाग | Agar river Chhattisgarh | CG News | cg news update | cg news today
FAQ
ये खबर भी पढ़िए...छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट, 27 जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी