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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ ने तकनीकी शिक्षा (Technical Education) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और दूरगामी फैसला लिया है। अब राज्य के इंजीनियरिंग छात्र भी अपनी मातृभाषा हिंदी में बीटेक (B.Tech) की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।
यह घोषणा छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब द्वारा की गई है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU), भिलाई ने इस सत्र से ही इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस कदम से न केवल क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उन हजारों छात्रों को भी बड़ा संबल मिलेगा जो अंग्रेजी भाषा की चुनौतियों के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई में संघर्ष कर रहे थे।
यह पहल मध्यप्रदेश भोपाल के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय (Atal Bihari Vajpayee Hindi University) की तर्ज़ पर है, जिससे सीएसवीटीयू देश का दूसरा ऐसा संस्थान बन जाएगा जो अपने विद्यार्थियों को हिंदी में इंजीनियरिंग करने का विकल्प देगा। यह निर्णय कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया है और इसका सर्कुलर जल्द ही प्रदेश के तमाम इंजीनियरिंग कॉलेजों को जारी कर दिया जाएगा।
सभी प्रमुख इंजीनियरिंग शाखाओं में विकल्प
यह सुविधा केवल कुछ चुनिंदा विषयों तक सीमित नहीं होगी। कंप्यूटर साइंस से लेकर मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल और सिविल इंजीनियरिंग सरीखे सभी प्रमुख ब्रांचों की पढ़ाई अब हिंदी भाषा में उपलब्ध होगी।
शिक्षण और परीक्षा : बीटेक छात्रों के लिए कक्षाएं हिंदी में लगाई जाएंगी और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तर लिखने का विकल्प भी हिंदी में (Option to write answers in Hindi) ही मिलेगा।
सफलता का सूत्र: तकनीकी शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इससे उन छात्रों का रिजल्ट सुधरेगा जो अंग्रेजी भाषा में 'कच्चे' हैं। क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई होने से छात्रों पर अध्ययन का भार (बर्डन) कम होगा।
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पाठ्यक्रम और किताबों की तैयारी: चुनौती और समाधान
हिंदी में बीटेक की शुरुआत करना एक बड़ा कदम है, जिसके लिए आवश्यक पाठ्यक्रम (Syllabus) और अध्ययन सामग्री (Study Material) की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती थी। सीएसवीटीयू प्रशासन ने इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक तैयारी की है।
अनुवादकों और लेखकों की भूमिका
सीएसवीटीयू ने किताबों की व्यवस्था करने के लिए 20 लेखकों से संपर्क किया है। ये लेखक बीटेक की अंग्रेजी में लिखी हुई किताबों को सरल हिंदी में अनुवाद करके देंगे। इसके अलावा, अंग्रेजी से हिंदी अनुवादकों को भी किताबों के चयन के लिए आमंत्रित किया गया है।
किताबों की उपलब्धता
तत्काल व्यवस्था: जब तक हिंदी की किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं होती हैं, तब तक के लिए सीएसवीटीयू पहले से तैयार किताबों का ई-लिंक विद्यार्थियों और कॉलेजों के साथ साझा करेगा।
तकनीकी शब्दावली: यह ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे तकनीकी शब्द जो सामान्यतः जेनरिक होते हैं या जिनका हिंदी अनुवाद जटिल होता है, उन्हें अंग्रेजी में ही रखा जाएगा। इससे विषय की मूलभूत अवधारणाओं को समझने में कोई कठिनाई नहीं आएगी।
लाभ के मुख्य बिंदु
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छात्रों को चयन की स्वतंत्रता: हिंदी या अंग्रेजी?
सीएसवीटीयू संबद्ध कॉलेजों में 'बीटेक इन हिंदी' की पढ़ाई कराने के साथ ही छात्रों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि वे पढ़ाई के माध्यम के रूप में हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक का विकल्प चुन सकें।
विकल्प का चुनाव: जिन छात्रों को हिंदी में इंजीनियरिंग पढ़नी है, वे हिंदी विकल्प चुनेंगे, और जिनको अंग्रेजी में बीटेक करना है, वे अंग्रेजी विकल्प का चुनाव करेंगे।
पृथक सेक्शन: यदि किसी कक्षा में हिंदी भाषा में पढ़ाई और परीक्षा चुनने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक (अधिकतम सीमा से अधिक) होती है, तो उस कॉलेज को हिंदी चुनने वाले विद्यार्थियों के लिए अलग से सेक्शन बनाने होंगे। इससे दोनों ही माध्यमों के छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।
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ग्रामीण और क्षेत्रीय छात्रों के लिए वरदान
यह निर्णय विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए एक वरदान साबित होगा। अक्सर, ये छात्र अपनी स्कूली शिक्षा हिंदी माध्यम से पूरी करते हैं, और उच्च शिक्षा में अचानक अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश करने से उन्हें समझने और प्रदर्शन में कठिनाई आती है।
हिंदी में बीटेक का विकल्प मिलने से उनकी रचनात्मक सोच और तकनीकी समझ पर भाषा का अवरोध हावी नहीं हो पाएगा। वे विषय की गहनता (Depth) को अधिक प्रभावी ढंग से समझ पाएंगे, जिससे उनके रिजल्ट और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि होगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उस लक्ष्य के अनुरूप भी है जो मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है।