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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. पुष्पा और पुष्पा 2 फिल्म तो आप सभी को याद ही होगी, जिसमें एक दिहाड़ी मजदूर कैसे लाल चंदन की तस्करी के सिंडिकेट का बादशाह बनकर पुलिस और प्रशासन को चुनौती देकर अपने आप को "पुष्पा द ब्रांड" बना लेता है। इस फिल्मी कहानी का पात्र भले ही काल्पनिक हो, लेकिन लाल चंदन की तस्करी का सिंडिकेट वास्तविक है। इसी पुष्पा के पात्र से मिलता-जुलता सिंडिकेट सरगना अब प्रवर्तन निदेशालय के हत्थे चढ़ गया है।
वह पुष्पा भी भारत से लेकर दुबई तक चंदन तस्करी करता था, और इस रीयल लाइफ पुष्पा ने भी देश के दक्षिणी राज्यों से लेकर छत्तीसगढ़ और विदेशों, जिनमें दुबई भी शामिल है, तक अपनी सिंडिकेट टीम खड़ी कर ली थी। लेकिन जांच एजेंसियों ने इसके पूरे सिंडिकेट की पोल खोलकर रख दी है। यह रीयल लाइफ पुष्पा अब नागपुर जेल की हवा खा रहा है।
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) की कार्रवाई ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय लाल चंदन तस्करी सिंडिकेट (Red Sanders Smuggling Syndicate) का पर्दाफ़ाश किया है, जिसके तार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से होते हुए मध्यप्रदेश,राजस्थान, गुजरात के रास्ते दुबई तक फैले हुए थे। इस पूरे अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड अब्दुल जाफर था, जिसने लगभग 3000 किलोमीटर का एक गुप्त तस्करी रूट तैयार किया और रायपुर के औद्योगिक गोदामों को 'लाल सोना' (Red Gold) लोड करने का एक सुरक्षित अड्डा बना दिया था।
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लाल चंदन की तस्करी का शातिर तरीका
सिंडिकेट का तस्करी पैटर्न बेहद शातिर था। रायपुर की एक्सपोर्ट कंपनियों और गोदामों का इस्तेमाल करके कंटेनरों में स्पंज आयरन जैसे वैध सामान भरे जाते थे। इन कंटेनरों के बीच में या नीचे अत्यंत दुर्लभ और प्रतिबंधित रेड सैंडर्स या लाल चंदन के कीमती लट्ठों को चालाकी से छिपा दिया जाता था।
लोडिंग पॉइंट: रायपुर
ट्रांजिट रूट (Transit Route): नागपुर, मुंबई और चेन्नई
अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य: दुबई (Dubai)
कवर कार्गो: स्पंज आयरन, जिसे बाद में बदल दिया जाता था।
डीआरआई (DRI) की जांच में यह सामने आया कि यह सिंडिकेट फरवरी 2016 से अक्टूबर 2016 के बीच 13 खेपों (Consignments) में लगभग 159.110 मीट्रिक टन लाल चंदन की लकड़ी का अवैध निर्यात (Illegal Export) करने में सफल रहा। इसकी बाजार कीमत लगभग ₹63.64 करोड़ थी।
अब्दुल जाफर: अंतर्राष्ट्रीय लाल चंदन सिंडिकेट का सरगना
अब्दुल जाफर, जिसका नाम अब अंतर्राष्ट्रीय लाल चंदन सिंडिकेट के सबसे बड़े तस्करों में शुमार है, ने इस पूरे नेटवर्क को बड़ी कुशलता से चलाया। वह अपने सहयोगियों, जिनमें राजेश सुब्रमण्यम, पन्नालाल मीना, राजेंद्रन और सेंटिल शामिल थे, के साथ लगातार संपर्क में रहता था।
मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDR) से यह साबित हुआ कि वे सभी तस्करी में सीधे तौर पर शामिल थे। उनके मोबाइल उपकरणों से रेड सैंडर्स के लट्ठों की तस्वीरें और वजन से संबंधित स्लिप्स भी जब्त की गईं, जो उनकी संलिप्तता का ठोस प्रमाण हैं।
रीयल लाइफ पुष्पा पर ईडी की कार्रवाई और सिंडिकेट के खुलासेको ऐसे समझेंरायपुर बना तस्करी का 'हब': मास्टरमाइंड चंदन तस्कर अब्दुल जाफर ने छत्तीसगढ़ के रायपुर को लाल चंदन (Red Sanders) की अवैध लोडिंग का मुख्य केंद्र बना दिया था, जहाँ से 3000 किलोमीटर का तस्करी रूट तैयार किया गया जो दुबई तक जाता था। ₹63 करोड़ का 'लाल सोना': सिंडिकेट ने फरवरी से अक्टूबर 2016 के बीच रायपुर से 13 खेपों में लगभग 159.110 मीट्रिक टन लाल चंदन की लकड़ी दुबई भेजी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब ₹63.64 करोड़ थी। स्पंज आयरन की आड़ में तस्करी: तस्कर वैध एक्सपोर्ट सामग्री जैसे स्पंज आयरन के कंटेनरों में लाल चंदन के लट्ठों को चालाकी से छिपाते थे, जिसे मुंबई/चेन्नई के पोर्ट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेज दिया जाता था। ED की बड़ी कार्रवाई और संपत्ति अटैचमेंट: अवैध काली कमाई से अर्जित की गई अब्दुल जाफर की ₹8.6 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुर्क (Attached) कर दिया है। गिरफ्तारी और सिंडिकेट का पर्दाफाश: DRI की 2016 में रायपुर के गोदाम पर छापेमारी (जहां 11 मीट्रिक टन लकड़ी जब्त हुई) ने इस सिंडिकेट की जड़ों को हिला दिया; मास्टरमाइंड अब्दुल जाफर को मई 2025 में गिरफ्तार किया गया और वह इस समय नागपुर जेल में बंद है। |
गोदाम पर छापा और नेटवर्क का खुलासा
इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट की जड़ें तब हिल गईं जब DRI नागपुर की टीम ने साल 2016 में रायपुर स्थित एक गोदाम में छापेमारी की। यह गोदाम जाफर के सहयोगियों का था।
4 अक्टूबर 2016: रायपुर के गोदाम से 11 मीट्रिक टन वजन के 576 लाल चंदन के लट्ठे जब्त किए गए।
2 अक्टूबर 2016: नागपुर में एक कंटेनर से 14.055 मीट्रिक टन वजन के 1324 लट्ठे जब्त किए गए।
19 अक्टूबर 2016: मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) में एक अन्य कंटेनर से 17.060 मीट्रिक टन रेड सैंडर्स बरामद हुए।
इस कार्रवाई से लाल चंदन तस्करी के सिंडिकेट को बड़ा झटका लगा, और अब्दुल जाफर का अवैध कारोबार उजागर हो गया।
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काली कमाई से बनाई गई संपत्ति पर ED का शिकंजा
अंतर्राष्ट्रीय लाल चंदन तस्करी से अर्जित काली कमाई का उपयोग अब्दुल जाफर ने एक आलीशान जीवनशैली जीने में किया। उसने यह अवैध धन अपनी पत्नी, बच्चों, माता-पिता और करीबी सहयोगियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदने में लगाया।
ED द्वारा संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में 17 मार्च 2020 को ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज किया। जांच में पाया गया कि जाफर एक पेशेवर अपराधी है और लाल चंदन की तस्करी उसकी आय का मुख्य स्रोत थी। 27 सितंबर 2025 को ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब्दुल जाफर की ₹8.6 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अटैच कर दी।
अटैच की गई प्रमुख संपत्तियां
चेन्नई में फ्लैट्स, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू में जमीन, तमिलनाडु में अन्य उच्च-मूल्य वाली रियल एस्टेट , कृषि भूमि और कई लग्जरी गाड़ियां।