वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना में फर्जीवाड़ा... 4027 कार्डधारी दो राज्यों से उठा रहे थे राशन
केंद्र सरकार की "वन नेशन, वन राशन कार्ड" योजना जरूरतमंदों को देश के किसी भी कोने में सस्ता राशन देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। लेकिन अब इस योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 4027 राशन कार्डधारियों ने दो-दो राज्यों से राशन लेकर सरकार की खाद्यान्न व्यवस्था में सेंध लगाई है। "वन नेशन, वन राशन कार्ड" योजना के तहत राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी सुविधा दी गई है, जिससे कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में सस्ते दामों पर राशन ले सकता है। इस सुविधा का गलत फायदा रायपुर के कई लोगों ने उठाया।
ई-केवाईसी के दौरान पता चला कि 4027 राशन कार्डधारी दो राज्यों से राशन ले रहे थे। कई परिवारों के कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ में और बाकी सदस्य दूसरे राज्यों में रहकर चावल उठा रहे थे। यह लोग अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के कार्डधारी हैं, जिन्हें बहुत ही कम कीमत पर राशन दिया जाता है। इसमें तकनीकी खामियों और भौतिक सत्यापन की कमी के कारण फर्जीवाड़ा चलता रहा। अब खाद्य विभाग ने इन कार्डों की जांच कर दी है और इन पर राशन वितरण रोक दिया गया है।
डुप्लीकेट राशन कार्ड की पहचान- रायपुर में 4027 राशन कार्डधारी दो राज्यों से राशन ले रहे थे।
दो जगह के सदस्य- एक ही परिवार के कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ में और बाकी अन्य राज्यों में थे।
तकनीकी खामियों का फायदा- आधार लिंक होने के बावजूद रीयल-टाइम डेटा अपडेट नहीं हुआ।
भौतिक सत्यापन की कमी- लंबे समय से फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं होने से गड़बड़ी सामने नहीं आई।
राशन वितरण पर रोक- जांच के बाद इन कार्डधारियों का राशन अस्थाई रूप से रोक दिया गया है।
ऐसे उठाया फायदा
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की पोर्टेबिलिटी सुविधा का दुरुपयोग करते हुए कई परिवारों ने दो राज्यों में राशन उठाया। एक ही कार्ड के कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ में और बाकी सदस्य अन्य राज्यों में रहकर राशन दुकानों से चावल ले रहे थे। कई मामलों में दोनों स्थानों पर आधार लिंकिंग के बावजूद डेटा रीयल-टाइम अपडेट नहीं हुआ।
योजना की तकनीकी खामियों, राज्यों की असंगठित प्रणाली और भौतिक सत्यापन की कमी के चलते डुप्लीकेट एंट्री बनी रही। इससे एक ही कार्डधारी दो जगह से लाभ लेता रहा, जिससे सरकारी खाद्यान्न वितरण प्रणाली में बड़ी सेंध लगी।
प्राथमिकता राशन कार्ड में चावल एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से वितरण होता है। परिवार में सदस्यों की संख्या के आधार पर चावल दिया जाता है। एक सदस्य पर 10 किलो, 2 सदस्य पर 20 किलो, तीन से पांच सदस्य होने पर 35 किलो चावल और पांच से अधिक सदस्य होने पर प्रति सदस्य 7 किलो चावल वितरण किया जाता है।
राशन कार्ड में फर्जीवाड़े का खुलासा | Ration card | वन नेशन वन राशन कार्ड में फर्जीवाड़ा
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