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छत्तीसगढ़ में नागपुर-रायपुर पैसेंजर ट्रेन में जमकर हंगामा खड़ा हो गया, दो व्यक्तियों ने भीख मांगते हुए यात्रियों से जमकर विवाद किया। घटना के दौरान यात्रियों ने विरोध जताया तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। यात्रियों का गुस्सा देखते हुए दोनों संदिग्ध भिखारी सालेकसा स्टेशन पर उतरकर मौके से फरार हो गए।
घटना की जानकारी और कार्रवाई
इस घटना की सूचना रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को तत्काल दी गई। मंडल सुरक्षा आयुक्त दीप चंद्र आर्य के मार्गदर्शन में विशेष टास्क टीम और अपराध गुप्तचर शाखा, गोंदिया को तैनात किया गया। सटीक सूचना के आधार पर टीम ने सालेकसा रेलवे स्टेशन परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया और दोनों आरोपियों को सार्वजनिक स्थान पर न्यूसेंस (अशांति और अनुचित व्यवहार) करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
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पूछताछ में हुआ खुलासा
पूछताछ में दोनों व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने ट्रेन में यात्रियों से बहस और बदतमीजी की थी। उनका रवैया आक्रामक था, जिससे यात्रियों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपी पेशेवर भिखारी हैं और पूर्व में भी ट्रेनों में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया
रेलवे अधिनियम की धारा 145 (अशांति फैलाना, गाली-गलौच करना) और 144 (ट्रेन या स्टेशन परिसर में बिना अनुमति भीख मांगना) के तहत दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही उन्हें स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
रेलवे की सख्ती और यात्रियों के लिए संदेश
रेलवे प्रशासन ने इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सभी स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। यात्रियों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत RPF या हेल्पलाइन नंबर 139 पर देने की अपील की गई है।
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पृष्ठभूमि और बढ़ती घटनाएँ
हाल के महीनों में ट्रेनों में भीख मांगने वालों की गतिविधियाँ और उनसे जुड़ी झगड़ों की घटनाएँ बढ़ी हैं। कई बार ये लोग यात्रियों से जबरन पैसे मांगते हैं, मना करने पर गाली-गलौच या धमकी देते हैं। इससे यात्रियों की यात्रा असुरक्षित और असहज बन जाती है, खासकर महिलाओं, बुज़ुर्गों और बच्चों के लिए।
इससे निपटने के लिए रेलवे ने "न्यूसेंस चेकिंग ड्राइव" नामक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत ट्रेनों और स्टेशनों पर बिना अनुमति घूमने वाले भिखारियों, फेरीवालों और संदिग्ध व्यक्तियों की नियमित जांच की जाती है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा विभिन्न मंडलों में गुप्तचरों की तैनाती, CCTV निगरानी, और यात्रियों से रीयल टाइम फीडबैक लेकर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
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कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि ये लोग संगठित रूप से काम करते हैं और ट्रेन में चढ़ने के बाद डिब्बे-दर-डिब्बे घूमते हुए यात्रियों को मानसिक रूप से परेशान करते हैं। इन घटनाओं के चलते रेलवे को कई बार शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह समस्या सिर्फ एक-दो इलाकों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक राष्ट्रीय स्तर की चुनौती बन चुकी है।
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ट्रेनों में अवांछित और अशांति फैलाने वाले तत्वों के लिए कोई स्थान नहीं है, और इस तरह की गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यात्रियों को भी अपील की गई है कि वे किसी भी असामान्य स्थिति में 139 हेल्पलाइन पर तुरंत संपर्क करें।
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