शिव शंकर सारथी, JAGDALPUR. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर 63.41% प्रतिशत वोटिंग हुई। लोगों ने बढ़-चढ़कर मताधिकार का उपयोग किया। तीन बजे तक बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान हो गया। छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट बस्तर कई मायनों में खास है। कांग्रेस के उम्मीदवार कवासी लखमा सिर्फ साक्षर हैं और बीजेपी के उम्मीदवार वो हैं जिनका निर्वाचन अनुभव (पद सरपंच ) सरपंची का है। विश्व की कथित सबसे बड़ी पार्टी ने यदि सरपंची के अनुभव वाले को सांसद पद के लिए उम्मीदवार बनाया है तो कोई ना कोई खास बात तो होगी। बहरहाल, आज मतदान हो गया है।
बस्तर लोकसभा का विधानसभावार मतदान...
1.बस्तर विधानसभा सीट 49.32%
2. बीजापुर - 24.93%
3. चित्रकोट - 42.03%
4. दंतेवाड़ा - 45.86%
5. जगदलपुर - 41.19%
6. कोंडागांव - 56.12%
7. कोंटा - 32.10%
8. नारायणपुर - 47.20%
कांग्रेस के उम्मीदवार गादीरास कोंटा के निवासी हैं
आठ विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है, बस्तर लोकसभा सीट। साल 2024 के मतदान से पहले नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी सफलता कांकेर में मिली। BSF और छत्तीसगढ़ पुलिस ने मिलकर 29 नक्सलियों को ढेर किया है। जहां 29 नक्सलियों को ढेर किया गया। उस माड़ (अबूझमाड़) से नजदीक है कोंडागांव और नारायणपुर। कांग्रेस के उम्मीदवार गादीरास कोंटा के निवासी हैं। तेलंगाना से सटे कोंटा में नक्सलियों का प्रभाव है। दोपहर जब कोंडागांव में 56.12% और नारायणपुर में 47.20% मतदाताओं ने वोट कर लिया था तब, कोंटा में महज 32.12% मतदाताओं ने ही वोट किया। यानी बॉर्डर से लगे गावों में आज भी नक्सलियों का प्रभाव तो है। ऊपर उल्लेखित आंकड़े दोपहर 3 बजे तक के हैं। देर शाम मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बस्तर लोकसभा सीट पर 63.41% मतदान दर्ज किया गया है। बस्तर सीट पर मतदान का यह प्रतिशत लगभग पचास हजार जवानों की तैनाती के चलते सम्भव हो सका है। इतने बड़े बल के मौजूद होने से नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सके।
नक्सलियों की धमकी- मतदान किया तो ऊंगली काट देंगे
बस्तर सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 14,72,207 है। महिला मतदाताओं की संख्या 7,71,679 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 700,476 है। वैसे नक्सलियों की धमकी दी थी कि यदि मतदान किया तो ऊंगली काट दी जाएगी। धमकियों के बावजूद बस्तर के मतदाता, मतदान करते रहे हैं। जिला मुख्यालय बीजापुर से 35-40 किलोमीटर ऑटो आदि वाहनों से यात्रा करके मतदाताओं ने वोट किया। ये वो मतदाता हैं जिन्होंने सलवा जूडुम (हिंदी में सलवा जुडुम का अर्थ- शांति के लिए आंदोलन) के कारण अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा।