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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में 27 जुलाई 2025 को स्वच्छता को लेकर देशभर के प्रेरक प्रयासों की चर्चा की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के बिल्हा की 200 महिलाओं की टीम की जमकर सराहना की, जिन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। इन महिलाओं ने न केवल बिल्हा के 17 पार्कों को स्वच्छ और सुंदर बनाया, बल्कि कपड़े के थैले बांटकर पर्यावरण जागरूकता भी फैलाई। पीएम ने इस पहल को स्वच्छ भारत मिशन की भावना का प्रतीक बताया और इसे देश के लिए एक प्रेरणा कहा।
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स्वच्छ भारत मिशन: 11 साल का जन आंदोलन
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की 11वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा कि यह मिशन अब एक जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने बताया कि 2014 में शुरू हुआ यह अभियान आज भी उतना ही प्रासंगिक है, क्योंकि लोग इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा मानते हैं। देश के 4,500 से अधिक शहरों और कस्बों में 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया है। पीएम ने कहा, “जब पूरा देश एक लक्ष्य के लिए एकजुट होता है, तो असंभव भी संभव हो जाता है। स्वच्छ भारत मिशन इसका जीवंत उदाहरण है।”
बिल्हा की महिलाएं स्वच्छता की मिसाल
बिल्हा की 200 महिलाओं की टीम ने कचरा प्रबंधन का प्रशिक्षण लेकर शहर की तस्वीर बदल दी है। ये महिलाएं न केवल 17 पार्कों की नियमित सफाई करती हैं, बल्कि स्थानीय लोगों में स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैला रही हैं। कपड़े के थैले बांटकर प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की उनकी पहल ने न केवल बिल्हा, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक मिसाल कायम की है। पीएम ने इस प्रयास को स्वच्छता के प्रति सामुदायिक जिम्मेदारी का शानदार उदाहरण बताया।
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देशभर से स्वच्छता की प्रेरक कहानियां
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में देश के विभिन्न हिस्सों से स्वच्छता की प्रेरक कहानियां साझा कीं।
उत्तराखंड का कीर्तिनगर : पहाड़ी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की नई मिसाल कायम की गई है।
मंगलुरु, कर्नाटक : जैविक कचरे के प्रबंधन के लिए तकनीक का उपयोग कर एक नया मानक स्थापित किया गया।
रोइंग, अरुणाचल प्रदेश : ‘ग्रीन रोइंग इनिशिएटिव’ के तहत रीसाइकिल कचरे से एक पूरा पार्क तैयार किया गया।
कराड और विजयवाड़ा : जल प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए गए।
लखनऊ की गोमती नदी : पिछले 10 वर्षों से हर रविवार को गोमती नदी की सफाई के लिए एक समर्पित टीम कार्यरत है।
अहमदाबाद का रिवर फ्रंट : स्वच्छता के लिए किए गए प्रयासों ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।
पणजी, गोवा : कचरे को 16 श्रेणियों में बांटकर और महिलाओं के नेतृत्व में स्वच्छता की मिसाल कायम की गई, जिसके लिए पणजी को ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
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स्वच्छता एक सतत जिम्मेदारी
पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि स्वच्छता को एक दिन या एक बार का कार्य न समझें। उन्होंने कहा, “स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है। जब हम इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएंगे, तभी देश सही मायने में स्वच्छ रहेगा।” उन्होंने बिल्हा की महिलाओं जैसे प्रयासों को देश के हर कोने में अपनाने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने स्वच्छता को जनभागीदारी का प्रतीक बताते हुए इसे सामुदायिक एकता और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा।
सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव
बिल्हा की महिलाओं की यह पहल न केवल स्वच्छता के क्षेत्र में एक क्रांति है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक नेतृत्व का भी प्रतीक है। उनकी मेहनत ने न केवल बिल्हा को स्वच्छ बनाया, बल्कि अन्य शहरों और कस्बों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस तरह की पहलें पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक कचरे में कमी, और सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा दे रही हैं।
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