पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत के आरोपी फर्जी डॉक्टर की पुलिस रिमांड खत्म, दमोह जेल भेजा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल समेत अन्य मरीजों के इलाज के बाद उनकी मौत के आरोपी फर्जी फर्जी डॉक्टर जॉन केम की पुलिस रिमांड खत्म हो गई। रिमांड खत्म होने के बाद अब उसे वापस दमोह जेल भेज दिया गया है।

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Krishna Kumar Sikander
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Police remand of fake doctor accused of death of former assembly speaker ends sent to Damoh jail the sootr
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल समेत अन्य मरीजों के इलाज के बाद उनकी मौत के आरोपी फर्जी फर्जी डॉक्टर जॉन केम की पुलिस रिमांड खत्म हो गई। आरोपी फर्जी डॉक्टर को मध्य प्रदेश के दमोह जेल से पुलिस रिमांड पर लाया गया था। रिमांड खत्म होने के बाद अब उसे वापस दमोह जेल भेज दिया गया है। फर्जी डॉक्टर से इलाज से मौत के बाद मृतकों के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद इस मामले में सरकंडा थाना में डॉ. जॉन के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। रिमांड के दौरान पुलिस ने इस मामले में फर्जी डॉक्टर से पूछताछ की है। 

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डिग्री और अनुभव निकले फर्जी 

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन कैम ने जनवरी-फरवरी 2025 में दमोह के मिशनरी अस्पताल में 15 से अधिक हार्ट सर्जरी की थी। इनमें से आठ मरीजों की जान नहीं बच सकी और मौत हो गई। उनमें से तीन की मौत एंजियोप्लास्टी के समय हुई थी। इन मौतों की जांच की गई तो डॉ. नरेंद्र जॉन कैम के डिग्री और अनुभव फर्जी निकले। दमोह में फर्जी डॉक्टर का पर्दाफाश होने के बाद यह भी पता चला कि इसी फर्जी डॉक्टर ने बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 2006 में सर्जरी की थी। इसके बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र शुक्ल समेत कई मरीजों की मौत हो गई थी। पंडित राजेन्द्र शुक्ल के बेटे प्रदीप शुक्ल ने फर्जी डॉक्टर को जिम्मेदार बताते हुए पुलिस में शिकायत भी की थी। 

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अस्पताल प्रबंधन भी आरोपी 

पुलिस ने शिकायत के बाद फर्जी डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में अपोलो अस्पताल प्रबंधन को भी आरोपी बनाया गया। अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि बिना दस्तावेज सत्यापन के फर्जी डॉक्टर को भर्ती कर इलाज और सर्जरी करवाई गई। यह गंभीर लापरवाही थी और इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई।

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किसी डिग्री में रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं 

मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की तो पाया कि नरेंद्र का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। दस्तावेजों में देहरादून के रहने वाले इस फर्जी डॉक्टर का नाम नरेंद्र जॉन केम है। उसके पास साल 2006 में एमबीबीएस पास होने की डिग्री है। पास होने की यह डिग्री आंध्र प्रदेश मेडिकल कॉलेज की है। इस डिग्री पर रजिस्ट्रेशन नंबर 153427 लिखा है। इसके बाद 3 एमडी और कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्रियां भी दी गई हैं। मगर, उनमें किसी डिग्री का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है। ये डिग्रियां कलकत्ता, दार्जिलिंग और यूके की बताई गई हैं। 

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