अजीत जोगी की मूर्ति विवाद पर सियासी हलचल तेज, सरकार को 1 महीने का अल्टीमेटम

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। जोगी परिवार समेत हजारों की संख्या में जोगी समर्थक पावर हाउस तिराहे पर एकत्र हुए और जमकर प्रदर्शन किया।

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Harrison Masih
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Political stir intensifies over Ajit Jogi statue controversy 1 month ultimatum government THE SOOTR
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छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। अजीत जोगी की पांचवीं पुण्यतिथि के मौके पर एक बार फिर यह मामला चर्चा के केंद्र में आ गया है। इस दिन जोगी परिवार—पत्नी रेणु जोगी, पुत्र अमित जोगी और बहू रिचा जोगी समेत हजारों की संख्या में जोगी समर्थक पावर हाउस तिराहे (ज्योतिपुर) पर एकत्र हुए और जमकर प्रदर्शन किया।

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ये है पूरा मामला

स्वर्गीय अजीत जोगी की एक प्रतिमा पहले पेंड्रा क्षेत्र के पावर हाउस तिराहे पर स्थापित की गई थी, जिसे हाल ही में प्रशासन द्वारा रात के अंधेरे में हटा दिया गया। इस कार्रवाई के बाद जोगी समर्थकों और परिवार में गहरा रोष व्याप्त है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह न केवल अजीत जोगी जी का अपमान है, बल्कि उनके लाखों समर्थकों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई गई है।

प्रशासन को दिया गया अल्टीमेटम

रेणु जोगी और अमित जोगी ने प्रशासन को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि—

स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति को उसी स्थान (ज्योतिपुर तिराहा) पर ससम्मान एक माह के भीतर स्थापित किया जाए।

इसके अलावा, मूर्ति हटाने की घटना में संलिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी एक सप्ताह के भीतर की जाए।

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ज्ञापन सौंपा, आंदोलन जारी

जोगी परिवार व समर्थकों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि स्वर्गीय अजीत जोगी को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान मिलना चाहिए और मूर्ति की पुनः स्थापना इसी सम्मान की प्रतीक होनी चाहिए।

राजनीतिक हलचल

इस मूर्ति विवाद ने क्षेत्रीय राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस, भाजपा और क्षेत्रीय दलों की नजरें अब इस मामले पर टिकी हैं, क्योंकि यह मुद्दा न केवल भावनात्मक है, बल्कि आगामी चुनावों के लिहाज से राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

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क्या कह रहे हैं जोगी समर्थक?

प्रदर्शन में मौजूद एक समर्थक ने कहा, "जिन्होंने छत्तीसगढ़ को पहचान दिलाई, उनके साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर प्रशासन ने मूर्ति नहीं लगाई, तो हम पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ेंगे।"

फिलहाल पावर हाउस तिराहे पर आंदोलन जारी है और जोगी समर्थकों की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले को किस दिशा में ले जाते हैं—समझौते की ओर या टकराव की ओर।

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