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स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों और जवानों की असाधारण वीरता और समर्पण को सम्मानित करते हुए प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा की है। जेल महानिदेशक (DG) हिमांशु गुप्ता को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया है, जबकि IPS अधिकारी सुनील शर्मा सहित 14 पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए गैलेंट्री मेडल (GM) और सराहनीय सेवाओं के लिए पदक प्रदान किए गए हैं। यह सम्मान छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए गर्व का क्षण है, जो नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ कठिन परिस्थितियों में अडिग साहस का परिचय दे रही है।
हिमांशु गुप्ता को राष्ट्रपति पदक
1994 बैच के वरिष्ठ IPS अधिकारी हिमांशु गुप्ता, जो हाल ही में जेल एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिदेशक नियुक्त हुए हैं, को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है। गुप्ता ने जेल प्रशासन में सुधार और कैदियों के पुनर्वास के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान अर्जित किया है।
IPS सुनील शर्मा की वीरता को सम्मान
पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा को नक्सल विरोधी अभियानों में उनके निर्णायक नेतृत्व और कठिन परिस्थितियों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया है। शर्मा ने उच्च जोखिम वाले अभियानों में अपनी रणनीतिक कुशलता और साहस का प्रदर्शन किया, जिसने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की स्थिति को मजबूत किया। उनकी भूमिका न केवल नक्सल हिंसा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि स्थानीय समुदायों में विश्वास बहाल करने में भी प्रभावी साबित हुई है।
मोर्चे पर साहस का परिचय
सम्मानित पुलिसकर्मियों की सूची में उप निरीक्षक संदीप कुमार मडिले और कांस्टेबल मडकम पांडू, मडकम हदमा, मडकम देवा, बरसे हुंगा और रोशन गुप्ता शामिल हैं। इन सभी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अद्वितीय साहस और समर्पण दिखाया। कई मौकों पर नागरिकों की जान भी बचाई।
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शहीदों को मरणोपरांत सम्मान
इस सम्मान सूची में तीन पुलिसकर्मियों सहायक उप निरीक्षक रामूराम नाग, कांस्टेबल कुंजम जोगा और कांस्टेबल वंजाम भीमा को मरणोपरांत गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया है। इन वीरों ने नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इनके बलिदान ने न केवल पुलिस बल को प्रेरित किया है, बल्कि यह पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन गया है।
खामोश नायकों की वीरता
सम्मानित अन्य पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल सूरज कुमार मरकाम, पुरुषोत्तम देवांगन, मडवी सन्नू और कंपनी कमांडर करोड़ सिंह शामिल हैं। संकट के समय इन जवानों ने सूझबूझ के साथ निडर होकर कार्रवाई की और कई जिंदगियां बचाईं। इनके कार्यों ने यह साबित किया कि छत्तीसगढ़ पुलिस का हर जवान, चाहे वह किसी भी रैंक का हो, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार है।
छत्तीसगढ़ पुलिस की चुनौतियां और उपलब्धियां
छत्तीसगढ़, विशेष रूप से बस्तर संभाग, लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझ रहा है। इस वर्ष अब तक 229 नक्सलियों को विभिन्न मुठभेड़ों में ढेर किया गया है, जिनमें से 208 बस्तर संभाग के जिलों बीजापुर, बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में मारे गए हैं। इन अभियानों में पुलिस और सुरक्षा बलों की भूमिका अहम रही है। सुनील शर्मा जैसे अधिकारियों और जमीनी स्तर पर कार्यरत जवानों की वीरता ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा दी है।
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