केलो नदी तट पर प्रस्तावित मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर रायगढ़ शहर में तनाव गहराता जा रहा है। प्रगति नगर कयाघाट क्षेत्र में निगम द्वारा चलाए जा रहे तोड़फोड़ अभियान के विरोध में शनिवार और रविवार को जमकर प्रदर्शन हुआ। रविवार को विरोध और ज्यादा उग्र हो गया, जिसके चलते जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, स्थानीय नेता और आम नागरिक पुलिस की कार्रवाई का शिकार बने। पुलिस ने 70 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर उर्दना बटालियन में अस्थायी जेल में रखा है।
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20 घर तोड़े, दूसरे दिन भी चला बुलडोजर
प्रशासन ने शनिवार को 20 घरों को गिरा दिया, और रविवार सुबह से ही दोबारा बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी गई। बताया गया कि नगर निगम ने 295 मकानों को नोटिस जारी किया है, और इन घरों को एक-एक कर तोड़ा जाना तय है। प्रभावित क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल व प्रशासनिक अमला तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
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प्रशासन और सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप
रविवार को जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला, ग्रामीण अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी, पूर्व विधायक प्रकाश नायक, पूर्व सभापति जयंत ठेठवार, नेता प्रतिपक्ष सलीम नियारिया समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने तोड़फोड़ का मौके पर पहुंचकर विरोध किया। उन्होंने स्थानीय विधायक और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि गरीबों के घरों को तोड़कर बिल्डर्स को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
पुलिस ने किया गिरफ्तार, उर्दना बटालियन बनी अस्थायी जेल
प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। इसके बाद पुलिस ने 70 से अधिक कांग्रेसियों और स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर उर्दना बटालियन में बनाए गए अस्थायी जेल में रखा। DSP सुशांतो बनर्जी ने बताया कि "स्थिति को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।"
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कांग्रेस का एलान – आंदोलन रुकेगा नहीं
शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने स्पष्ट कहा कि उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा, "प्रशासन गरीबों के साथ अन्याय कर रहा है। मरीन ड्राइव जैसी परियोजनाएं बिना किसी का घर तोड़े भी बनाई जा सकती हैं। ये सिर्फ बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने की योजना है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि मरीन ड्राइव निर्माण शहरी सौंदर्यीकरण और यातायात विकास के लिए आवश्यक है। सभी प्रभावित लोगों को पहले ही नोटिस दिए गए हैं, और निर्माण कार्य पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।
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