छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति में तोड़फोड़, आरोपी गिरफ्तार, बवाल के बाद लगाई गई नई मूर्ति

राज्योत्सव से ठीक पहले रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ दी गई। देखते ही देखते सड़कों पर भीड़ उतर आई, क्रांति सेना ने नारेबाजी शुरू की और पुलिस से झड़प हो गई। जानिए इस बवाल के पीछे की पूरी कहानी...

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Harrison Masih
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Raipur. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्योत्सव से ठीक पहले एक बड़ी घटना सामने आई है। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति में तोड़फोड़ की गई, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया। रविवार को यह घटना सामने आते ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना मौके पर पहुंची और जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं के बीच तनाव और झड़प की स्थिति बन गई।

राज्योत्सव से पहले अस्मिता पर हमला

रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना ने पूरे राज्य में गुस्सा फैला दिया। प्रदर्शनकारियों ने इसे “छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला” बताया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज की और जांच शुरू की।

रविवार देर रात तक क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए गिरफ्तारी की मांग की। वहीं कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ महतारी के सम्मान में रोते हुए भी दिखाई दिए।

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आरोपी गिरफ्तार,मानसिक रूप से बीमार बताया गया

सोमवार सुबह पुलिस ने प्रतिमा तोड़ने वाले आरोपी मनोज सतनामी को राम मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी सारंगढ़ के पुसौर का रहने वाला है और मानसिक रूप से बीमार है। CSP रामाकांत साहू ने बताया कि वह नशे की हालत में था और घटना को अंजाम दिया।

“आरोपी ने खुद अपराध स्वीकार किया है। परिजनों ने बताया कि उसका इलाज सेंद्री और रांची में चल चुका है। आगे विधिवत कार्रवाई की जाएगी।” – CSP रामाकांत साहू

नई प्रतिमा स्थापित की गई

घटना के बाद रविवार शाम को स्थानीय प्रशासन ने नई प्रतिमा स्थापित कर दी। क्रांति सेना ने कहा कि “यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की मां समान प्रतीक है। ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं।” प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस वाहन में बैठाकर हटाया गया, हालांकि किसी को औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया।

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राजनीतिक बयानबाजी तेज – बघेल ने साय सरकार को घेरा

घटना के बाद राजनीति भी गर्मा गई है। सीएम साय ने कहा – “जिसने भी इस कृत्य को अंजाम दिया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा – “कहीं यह शासन-प्रशासन के कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरें हटाने वाली भाजपा सरकार की करतूत तो नहीं? भाजपा समझ ले, अगर जनआक्रोश को अनदेखा किया गया, तो अच्छा नहीं होगा।”

कांग्रेस ने इसे छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला बताया और कहा कि “भाजपा के शासन में संस्कृति और पहचान पर खतरा मंडरा रहा है।” वहीं बजरंग दल ने मांग की कि आरोपी का मुंडन कर जुलूस निकाला जाए, और 36 फीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित की जाए।

जनआक्रोश और सम्मान की भावना

क्रांति सेना के नेताओं ने कहा कि “यह केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की मातृभूमि का प्रतीक है। इसका अपमान पूरे राज्य का अपमान है।” उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें जबरन हिरासत में लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने “महतारी के सम्मान में स्वेच्छा से गिरफ्तारी दी।”

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FIR और आगे की कार्रवाई

तेलीबांधा थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ पहले FIR दर्ज की गई थी, जिसे अब नामजद आरोपी के रूप में अपडेट किया गया है। आरोपी की मानसिक स्थिति की जांच के लिए मेडिकल रिपोर्ट मंगाई जा रही है। पुलिस ने बताया कि “मामले को लेकर शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है और निगरानी बढ़ा दी गई है।”

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