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Raipur. पिछले कई सालों से रायपुर में डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से लोगों की मौत होने के बावजूद रायपुर नगर निगम सचेत नहीं हुआ है। इस कारण से लोग खुद मच्छर पकड़ रहे हैं। वामन राव लाखे वार्ड के निवासी दाउ लाल पटेल की अधिकारियों ने नहीं सुनी तो मच्छर को पकड़ नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी के पास पहुंच गए।
इधर महापौर मीनल चौबे ने भी जनसहयोग की अपेक्षा की है। जबकि निगम मे साफ-सफाई के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का बजट है।
सदन में भी हो चुकी है चर्चा
बीते दिनों छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी प्रदेश के अप्रत्याशित लाइन की कटौती और मच्छर काटने का मामला सदन में उठ चुका है। इसपर मुख्यमंत्री तक को जवाब देना पड़ा था।
जिसके बाद लाइट कटने की समस्या तो दूर हुई लेकिन नगर निगम के अधिकारी लाइट नहीं जाने को ही बचाव मान बैठे। जिसके कारण से न तो खुद बचाव का इंतजाम किया और न ही लोगों की सुन रहे।
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100 करोड़ से अधिक का बजट
रायपुर नगर निगम के अधिकारियेां ने बताया कि सालाना सफाई के लिए 100 करोड़ रुपए से भी अधिक का बजट है। इसके अलावा फागिंग और केमिकल ट्रीटमेंट के लिए निगम पैसे खर्च करती है। इधर रायपुर नगर निगम की महापौर नालियों को ढ़कवाने और शहर में जल्द फागिंग शुरु करवाने के लिए कहा है।
कार्यवाही और कार्रवाई का आश्वासन
जवाब जानने के लिए नगर निगम की महापौर मीनल चौबे से संपर्क किया तो वे ये तो मानती हैं कि स्वच्छता के लिए निगम के पास करोड़ों का बजट है लेकिन इस तरह की स्थिति क्यों बन नहीं, इसका जवाब उनके पास नहीं है।
हालांकि वे अधिकारियों से सवाल-जवाब करने, रेग्यूलर नाली की सफाई, फागिंग, खुली नालियों को ढ़कवाने का आश्वासन जरुर दे रही हैं।
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स्वच्छ और सुंदर रायपुर का सपना फेल
दाउ लाल पटेल ने हमें बताया कि मच्छर के काटने से उनके परिवार के एक सदस्य की मौत भी चुकी है। लेकिन इस बार वे निगम की लापरवाही की भेट लोगों को नहंी चढ़ने देना चाहते। उन्होंने मच्छर पकड़कर पहले एक डॉक्टर से कंफर्म किया फिर निगम मुख्यालय लेकर पहुंचे।
अधिकारी अगर बात ही सुन लेते तो उन्होने नेता प्रतिपक्ष के पास जाने की जरुरत नहीं थी। इधर रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी का कहना है कि रायपुर नगर निगम के अधिकारी पिछले कई सालों से स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर का सपना बेच रहे हैैं। लेकिन ऐसे वाकये से निगम के स्वच्छता की पोल खुल रही है।
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