अंबेडकर अस्पताल के दवा काउंटर से डायबटीज की डेढ़ करोड़ की महंगी टेबलेट पार

रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में डायबिटीज की महंगी टेबलेट रेबोलसेस का बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 9 महीने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की टेबलेट अस्पताल के काउंटर से बांट दी गई।

author-image
Pravesh Shukla
New Update
raipur-diabetes-tablet-rebolaces-fraud the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00


रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में डायबिटीज की महंगी टेबलेट रेबोलसेस का बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 9 महीने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की टेबलेट अस्पताल के काउंटर से बांट दी गई। रेबोलसेस की 10 टेबलेट का एक पत्ता बाजार में 3 हजार रुपए का है। 

पढ़ें: पॉलिसी पैरालिसिस का शिकार छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा डॉ. अंबेडकर अस्पताल, कैंसर-हार्ट की एक तिहाई मशीनें बंद

ऐसे होता है फर्जीवाड़ा

डॉक्टरों की ओर से डायबिटीज की सस्ती दवा लिखने के बावजूद अंबेडकर अस्पताल के दवा काउंटर से इस टेबलेट के 5 हजार से ज्यादा पत्ते बांट दिए। जानकारी के मुताबिक  मरीज जब अपनी पर्ची दवाई  के काउंटर पर  देते हैं, उसी दौरान पर्ची में खाली जगह पर डॉक्टरों से मिलती-जुलती हैंडराइटिंग में रेबोलसेस टेबलेट लिख दी जाती है।

पढ़ें: अंबेडकर अस्पताल की अव्यवस्था पर हाई कोर्ट में बगलें झांकती रही सरकार

जांच के घेरे में फार्मासिस्ट

मरीज को डॉक्टर की ओर से लिखी गई दवा ही दी जाती है, लेकिन रेबोलसेस टेबलेट का पत्ता अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से रख लिया जाता है। मामले का पता लगने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से जूनियर डॉक्टरों की ओर से पर्ची में इस टेबलेट के लिखने पर रोक लगा दी गई है। इस खेल में फार्मासिस्टों और कुछ डॉक्टरों की भूमिका जांच के घेरे में है।

पढ़ें: अंबेडकर अस्पताल में एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन का लाइव प्रसारण , देश भर से जुड़े कार्डियोलॉजिस्ट 

Screenshot 2025-07-26 103019

मेडिसिन विभाग की मांग पर हुई सप्लाई
ये रैकेट तब सक्रिय हुआ जब रेबोलसेस टेबलेट अंबेडकर अस्पताल में सप्लाई की गई। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के जरिए ये टेबलेट मेडिसिन विभाग की मांग पर यहां सप्लाई की गई। दवा का स्टॉक पहुंचने के थोड़े दिन बाद ही इसकी खपत बढ़ गई और स्टॉक तेजी से खत्म होने लगा।

एक साल में स्टॉक खत्म
एक साल पूरा होने के पहले ही जब स्टॉक खत्म होने की सूचना सीनियर डॉक्टरों तक पहुंची तो वे हैरान रह गए। पता चला है कि मेडिसिन विभाग के कुछ सीनियर डॉक्टरों ने भी अपने स्तर पर गुपचुप तरीके से इस दवा के खपने की जांच करवाई। कुछ ऐसी पर्चियां उनके हाथ लग गईं, जिसमें डॉक्टरों की हैंड राइटिंग से ये दवा लिखी गई है।

पढ़ें:  नक्सली हिड़मा के गांव तक पहुंचा विकास! सुकमा के पुवर्ती गांव में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा

 

काउंटर से होता है खेल

डॉक्टर दवाएं तो मरीज की पर्ची में लिखते हैं, लेकिन दवा की एक अलग पर्ची लिखी जाती है। उस पर्ची की दो कॉपी होती हैं। मरीज एक कॉपी दवा काउंटर में जमा करते हैं और दूसरी कॉपी अपने पास रखते हैं। मरीज जब दवा के लिए काउंटर में पर्ची जमा करते हैं, तभी पूरा खेल किए जाने का शक है। काउंटर पर ही उनकी पर्ची में रेबोलसेस टेबलेट का नाम जोड़ा जा रहा है।

 

मामले की जांच करा रहे: अधीक्षक

इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक संतोष सोनकर का कहना है कि मामला सामने आया है। हम इसकी जांच करा रहे हैं कि आखिर इतनी मात्रा में किसने और कैसे दवा खपा दी।

Diabetes, टैबलेट, fraud, Chhattisgarh Medical Supply, scam, Ambedkar Hospital Raipur, Dr. Ambedkar Hospital Raipur, CG News, Chhattisgarh News, अंबेडकर अस्पताल रायपुर, डॉ. अंबेडकर अस्पताल रायपुर, घोटाला, छत्तीसगढ़ न्यूज, सीजी न्यूज 

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ न्यूज CG News सीजी न्यूज Dr. Ambedkar Hospital Raipur डॉ. अंबेडकर अस्पताल रायपुर Ambedkar Hospital Raipur अंबेडकर अस्पताल रायपुर fraud scam घोटाला Diabetes अंबेडकर अस्पताल टैबलेट Chhattisgarh Medical Supply