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Raipur Digital Khasra Verification: छत्तीसगढ़ में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए डिजीटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी के सत्यापन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में रायपुर जिले में जिले के 53 हजार खसरों की फसल प्रविष्टियों का रैंडम सत्यापन मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा। यह सत्यापन तीन स्तरों पर पूरा किया जाएगा और इसका उद्देश्य डिजिटल सर्वे की सटीकता बढ़ाना और किसानों के डेटा को विश्वसनीय बनाना है।
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अपर कलेक्टर की मॉनिटरिंग में प्रशिक्षण कार्यक्रम
रायपुर जिले में अपर कलेक्टर नम्रता जैन की अध्यक्षता में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जिले के पटवारी, आर.आई., ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और पंचायत सचिवों को डिजिटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी के मोबाइल ऐप के संचालन तथा सत्यापन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।
अपर कलेक्टर जैन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चयनित खसरों का सत्यापन समयबद्ध तरीके से किया जाए। प्रथम चरण में कलेक्टर द्वारा नामित राजस्व और कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी इन खसरों की जांच करेंगे। यदि किसी प्रविष्टि में गलती पाई जाती है, तो उसे भौतिक सत्यापन के आधार पर 31 अक्टूबर 2025 तक सुधारना अनिवार्य होगा।
53 हजार खसरों का सत्यापन
अपर कलेक्टर कीर्तिमान सिंह राठौर ने बताया कि रायपुर जिले में कुल 53 हजार खसरों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन का कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाना है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित समय में कार्य पूरा करें और सत्यापन की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने मोबाइल ऐप के माध्यम से वास्तविक फसल प्रविष्टियों का परीक्षण भी किया। इस पहल से डिजिटल क्रॉप सर्वे की सटीकता बढ़ेगी और किसानों के डेटा का डिजिटलीकरण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित होगा।
रायपुर डिजिटल क्रॉप सर्वे 2025-26: मुख्य बातें1. डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआतछत्तीसगढ़ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए रायपुर जिले में डिजिटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी सत्यापन के दिशा-निर्देश जारी किए। 2. 53 हजार खसरों का सत्यापनजिले में कुल 53 हजार खसरों की फसल प्रविष्टियों का 5% रैंडम सत्यापन मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा। 3. प्रशिक्षण कार्यक्रमअपर कलेक्टर नम्रता जैन की अध्यक्षता में पटवारी, आर.आई., कृषि विस्तार अधिकारी और पंचायत सचिवों को मोबाइल ऐप और सत्यापन प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया गया। 4. समयबद्ध जांच और सुधारचयनित खसरों की जांच फील्ड अधिकारियों द्वारा की जाएगी। गलती पाए जाने पर 31 अक्टूबर 2025 तक सुधार करना अनिवार्य है। 5. उद्देश्य और लाभइस डिजिटल पहल से किसानों के डेटा की विश्वसनीयता बढ़ेगी, फसल उत्पादन का सही आंकलन होगा और कृषि नीतियों में सुधार संभव होगा। |
महत्व और लाभ
इस डिजिटल पहल से किसानों के फसल डेटा का भरोसेमंद रिकॉर्ड तैयार होगा, कृषि नीतियों और विपणन योजनाओं में सुधार संभव होगा, और जिले में खरीफ फसलों के वास्तविक उत्पादन का सही आंकलन होगा।
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