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CG ration card verification:छत्तीसगढ़ में उचित मूल्य राशन (FPS) कार्डधारकों में से लाखों सदस्य ई-केवाइसी नहीं कराने के कारण सस्पेक्टेड पाए गए हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक 46 लाख से ज्यादा सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने ई-केवाइसी (ration cards e-KYC) नहीं कराया, फिर भी उनके नाम पर हर महीने राशन उठाया जा रहा है। इसे रोकने के लिए भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में उन सदस्यों का घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश जारी किए हैं, जिनके नाम से राशन उठाया जा रहा है। सत्यापन के दौरान यह जांच की जा रही है कि सदस्य वास्तव में पात्र हैं या नहीं, कहीं उनकी मृत्यु तो नहीं हो चुकी, या वे राज्य छोड़कर तो नहीं गए।
अब तक की कार्रवाई
भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया में अब तक लगभग 1,93,067 सदस्यों के नाम राशन कार्ड से निरस्त किए जा चुके हैं। इनमें वे सदस्य शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जो अपात्र पाए गए हैं या फिर स्थायी रूप से राज्य छोड़ चुके हैं। विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई केवल उन लोगों पर की जा रही है, जो पात्र हितग्राही नहीं हैं, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक ही सरकारी खाद्यान्न की सुविधा पहुंच सके।
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आगामी कार्रवाई
विभागीय जांच में सामने आया है कि अब भी 53,234 संदिग्ध सदस्यों के नाम राशन कार्ड से निरस्त किए जाने बाकी हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, कई सदस्य राज्य छोड़कर जा चुके हैं, कुछ ने डुप्लिकेट आधार बनाकर लाभ लिया है, जबकि अन्य अपात्र सदस्य भी सूची में पाए गए हैं। खाद्य विभाग का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य फर्जीवाड़ा रोककर केवल वास्तविक पात्र हितग्राहियों तक ही राशन की सुविधा सुनिश्चित करना है।
नियम और उद्देश्य
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत केंद्र सरकार ने सभी राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाइसी अनिवार्य कर दी है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, फर्जीवाड़े पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक और पात्र हितग्राहियों को ही खाद्यान्न का लाभ मिले। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा और अपात्र सदस्यों द्वारा किए जा रहे दुरुपयोग पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सकेगा।
विभाग का बयान
रायपुर खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि ई-केवाइसी न कराने वाले सस्पेक्टेड सदस्य लगातार सत्यापन के दायरे में हैं और जिनके नाम निष्कासित होंगे, उनके राशन कार्ड को तुरंत निरस्त किया जाएगा। इस कदम से प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी कार्डधारकों द्वारा राशन उठाने की संभावना समाप्त होगी।