रायपुर में डॉक्टर से डेढ़ करोड़ की ठगी, एक ही परिवार के चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

रायपुर में एक डॉक्टर से डेढ़ करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी परिवार ने डॉक्टर को शेयर बाजार में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर पैसे लिए। लेकिन बाद में न तो मुनाफा दिया और न ही पैसा लौटाया।

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Harrison Masih
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राजधानी रायपुर में एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक शातिर ठग ने अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर एक वरिष्ठ डॉक्टर को 1.5 करोड़ रूपए की चपत लगा दी। आरोपी ने डॉक्टर को शेयर बाजार में मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेश करवाया, लेकिन बाद में न तो मुनाफा दिया गया और न ही पैसा लौटाया गया। बताया

यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है और पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी तीन आरोपी फरार हैं।

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कौन हैं पीड़ित डॉक्टर?

शंकर नगर निवासी डॉ. बी. बालाकृष्ण, एडवांस चेस्ट सेंटर के संचालक हैं। उन्होंने 2021 में सेल्स टैक्स कॉलोनी में रहने वाले मनोज चावला से परिचय होने के बाद दोस्ताना संबंध बनाए। मनोज और उसका परिवार डॉक्टर के क्लिनिक के फार्मेसी और लैब सेक्शन का प्रबंधन संभालने लगे, जिससे दोनों परिवारों के बीच विश्वास और बढ़ा।

कैसे हुई ठगी?

डॉ. बालाकृष्णा ने अस्पताल के विस्तार के लिए जब निवेश की बात मनोज चावला और उसके परिवार से की, तो उन्होंने डॉक्टर को शेयर ट्रेडिंग में निवेश का लालच दिया। चावला परिवार ने दावा किया कि वे ट्रेडिंग के बिजनेस में हैं और डॉक्टर द्वारा लगाया गया पैसा सुरक्षित रहेगा। मुनाफा दोनों के बीच बांटा जाएगा।

इस भरोसे पर डॉक्टर ने कुल 1.5 करोड़ रूपए चावला परिवार को अलग-अलग समय पर दे दिए।

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कौन-कौन हैं आरोपी?

मनोज चावला, खुशबू चावला (पत्नी), चेतन चावला (भाई),नैना चावला (बहन)। इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी तीन अभी फरार हैं।

धोखे का पर्दाफाश कैसे हुआ?

जब 2022 में डॉ. बालाकृष्ण ने अपनी रकम वापस मांगी, तो पहले तो मनोज चावला और उसके परिवार ने पैसे देने से इनकार कर दिया और कहा कि "तुमने हमें कब पैसे दिए?" बाद में डॉक्टर के बार-बार मांगने पर उन्होंने एक समझौता किया कि डॉक्टर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगा, और पैसे वापस कर देंगे।

लेकिन समझौते के बाद भी न तो पैसा लौटा और न ही कोई जवाब मिला, जिससे परेशान होकर डॉक्टर ने सिविल लाइंस थाना में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई।

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पुलिस की कार्रवाई

रायपुर पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी तीन की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गतिविधियों और बैंक ट्रांजैक्शनों की भी जांच की जा रही है।

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5 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला

1. ठगी की शुरुआत पहचान से हुई
डॉ. बी. बालकृष्णा की मुलाकात 2021 में मनोज चावला से हुई। धीरे-धीरे डॉक्टर ने उस पर भरोसा करते हुए फार्मेसी और लैब की जिम्मेदारी उसके परिवार को सौंप दी।

2. शेयर बाजार में निवेश का लालच
मनोज चावला और उसके परिवार ने डॉक्टर को ट्रेडिंग में भारी मुनाफा दिलाने का झांसा दिया और कुल 1.5 करोड़ रुपए निवेश के नाम पर ले लिए।

3. न मुनाफा, न मूलधन मिला वापस
काफी समय बीतने के बाद भी जब डॉक्टर को न मुनाफा मिला, न ही मूलधन वापस, तब उसे ठगी का अहसास हुआ।

4. समझौते के बाद भी धोखा जारी
चावला परिवार ने डॉक्टर से एक समझौता किया कि वह कानूनी कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन फिर भी पैसे नहीं लौटाए।

5. एक गिरफ्तार, तीन फरार
डॉक्टर ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि तीन अन्य फरार हैं।

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क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?

उच्च शिक्षित और प्रतिष्ठित व्यक्ति को शातिर तरीके से ठगा गया। पूरा परिवार मिलकर पेशेवर ढंग से ठगी कर रहा था। पीड़ित को भरोसे में लेकर कारोबार के नाम पर पैसा ऐंठा गया। यह मामला मेडिकल और बिजनेस क्षेत्र में भरोसे की बुनियाद को झकझोरता है।

FAQ

रायपुर में डॉक्टर से 1.5 करोड़ की ठगी कैसे हुई?
रायपुर के एक डॉक्टर को शेयर बाजार में निवेश पर मुनाफा दिलाने का लालच देकर एक परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये ठग लिए। बाद में आरोपी पैसा लौटाने से मुकर गए।
क्या रायपुर शेयर मार्केट फ्रॉड केस में कोई गिरफ्तारी हुई है?
हां, रायपुर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
शेयर बाजार में निवेश के नाम पर होने वाली ठगी से कैसे बचें?
हमेशा सेबी (SEBI) रजिस्टर्ड एजेंट के माध्यम से ही निवेश करें, व्यक्तिगत पहचान पर आंख बंद कर भरोसा न करें और निवेश से पहले लिखित दस्तावेजों की जांच करें।

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