3 करोड़ की हेरोइन केस में 2 और तस्कर अरेस्ट, बताए ठिकाने पर देते थे डिलीवरी

छत्तीसगढ़ में ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ रायपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। सिंडिकेट के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए है। सिंडिकेट के मास्टरमाइंड से पूछताछ के बाद पुलिस ने 2 और आरोपियों की गिरफ्तारी की है।

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Pravesh Shukla
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ रायपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। सिंडिकेट के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए है।  सिंडिकेट के मास्टरमाइंड से पूछताछ के बाद पुलिस ने 2 और आरोपियों की गिरफ्तारी की है।

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डिलिवरी ब्वॉय का करते थे काम

पकड़े गए आरोपियों के नाम रविंद्र कुमार साहू और अभिषेक रजक है। दोनों आरोपी डिलीवरी बॉय का काम करते थे। रायपुर पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने ड्रग्स सप्लाई की बात कबूल की है। इनकी गिरफ्तारी के बाद ड्रग्स सिंडिकेट केस में अब गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 11 हो गई है। पुलिस जल्द ही गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर मामले का खुलासा करेगी।

पाकिस्तान ड्रग्स केस की 4 एजेंसियां रही जांच

वर्चुअल नेटवर्क बनाकर पिछले 8 महीने से रायपुर में ड्रग्स सिंडिकेट चला रहे इस गिरोह के खिलाफ रायपुर पुलिस के साथ ही IB, NCB और ATS भी जांच कर रही है। IB के अफसर पुलिस रिमांड पर लाए गए मास्टर माइंड लवजीत सिंह उर्फ बंटी से पूछताछ कर चुके हैं। लवजीत सिंह से नेटवर्क, सप्लाई और सिंडिकेट से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। इन जानकारियों के आधार पर जांच एजेंसियां आगे की कार्रवाई कर रही है।

ड्रग्स नेटवर्क की कड़ी को समझिए

पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला लवजीत सिंह उर्फ बंटी इस इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड है। शुरुआती जांच में पता चला कि वह पाकिस्तान के तस्करों से ड्रग्स मंगवाता था, जिसे सीक्रेट तरीके से इंटरनेशनल बॉर्डर पार कराया जाता था।

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इन ठिकानों पर छिपाई जाती थी ड्रग्स

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पार होने के बाद हेरोइन पंजाब बॉर्डर एरिया में सुरक्षित ठिकानों पर छुपाया जाता था। यहीं से लवजीत का मुख्य ऑपरेशन चलता था। वह वहां से भारत के अलग-अलग राज्यों में ड्रग्स की थोक सप्लाई करता था, जिनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में हेरोइन खपाने का काम सुवित श्रीवास्तव करता था।

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विदेशी नंबरों से बनाया वर्चुअल नेटवर्क

ड्रग सिंडिकेट को संचालित करने वाले आरोपियों ने सुरक्षा एजेंसियों को धोखा देने के लिए  वर्चुअल नेटवर्क और इंटरनेशनल वर्चुअल नंबर का सहारा लिया। नेट कॉलिंग, वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर वीडियो कॉल, लाइव लोकेशन और फोटो के जरिए ग्राहकों को ड्रग्स की डिलीवरी कन्फर्म की जाती थी। इससे न केवल निगरानी से बचा जाता, बल्कि पहचान छुपाकर नेटवर्क को तेजी से फैलाया जा रहा था।

खबर के पांच प्रमुख प्वॉइंट

गिरफ्तारी और कबूलनामा

रायपुर पुलिस ने ड्रग सिंडिकेट मामले में दो और आरोपियों रविंद्र कुमार साहू और अभिषेक रजक को गिरफ्तार किया है, जो डिलीवरी बॉय के रूप में काम करते थे। उन्होंने पूछताछ में ड्रग्स सप्लाई करने की बात कबूल की है। अब तक कुल 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

सिंडिकेट का मास्टरमाइंड और पाकिस्तान कनेक्शन

इस ड्रग सिंडिकेट का मास्टरमाइंड लवजीत सिंह उर्फ बंटी है, जो पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है। वह पाकिस्तान से ड्रग्स मंगवाकर भारत-पाक सीमा पार कराकर भारत में सप्लाई करता था।

चार एजेंसियों की जांच

रायपुर पुलिस के साथ-साथ IB, NCB और ATS जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की जांच में जुटी हैं। मास्टरमाइंड लवजीत से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।

वर्चुअल नेटवर्क और इंटरनेशनल कॉलिंग

सिंडिकेट के आरोपी सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए विदेशी वर्चुअल नंबर, नेट कॉलिंग, व्हाट्सऐप, और टेलीग्राम का इस्तेमाल कर रहे थे। ड्रग्स की डिलीवरी वीडियो कॉल, लाइव लोकेशन और फोटो के माध्यम से कन्फर्म की जाती थी।

कमल विहार बना था सप्लाई हब

रायपुर के कमल विहार सेक्टर-4 में स्थित सुवित श्रीवास्तव के फ्लैट को ड्रग्स का स्टोरेज और सप्लाई सेंटर बनाया गया था। यहीं से हेरोइन को अलग-अलग डीलरों और पेडलर्स तक पहुंचाया जाता था।

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रायपुर में कमल विहार था ‘सप्लाई हब’

पंजाब से लाने के बाद हेरोइन को रायपुर के कमल विहार सेक्टर-4 में मौजूद एक फ्लैट में स्टोर कर रखा जाता था। यह ठिकाना सुवित श्रीवास्तव का था, जो लवजीत से माल लेकर आगे सप्लाई करने का स्थानीय नेटवर्क चला रहा था। यह फ्लैट पूरे नेटवर्क का लॉजिस्टिक सेंटर था। जहां से माल छिपाकर अलग-अलग थोक डीलरों और पेडलर्स तक भेजा जाता था।

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FAQ

सवाल: रायपुर में ड्रग सिंडिकेट (Raipur drug syndicate) का मुख्य मास्टरमाइंड कौन है?
जवाब: मास्टरमाइंड (mastermind) पंजाब के गुरदासपुर का लवजीत सिंह उर्फ बंटी है, जिसने पाकिस्तान से ड्रग्स मंगवाकर नेटवर्क संचालित किया।
सवाल: वर्चुअल नेटवर्क (virtual network) का इस्तेमाल कैसे किया गया?
जवाब: आरोपियों ने वर्चुअल नंबर (virtual numbers), नेट कॉलिंग, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लाइव लोकेशन, वीडियो और फोटो के माध्यम से डिलीवरी कंफर्म की, जिससे पहचान छुपी और नेटवर्क बढ़ा।
सवाल: किस स्थान को सप्लाई हब (supply hub) के रूप में प्रयोग किया गया?
जवाब: रायपुर के कमल विहार सेक्टर‑4 में एक फ्लैट को सप्लाई हब (supply hub) बनाया गया था, जहां से हेरोइन छिपाकर थोक डीलरों और पेडलर्स तक भेजी जाती थी।

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