छत्तीसगढ़ की घायल बाघिन बिजली जाएगी गुजरात, वनतारा में होगा इलाज, वनमंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा

घायल बाघिन 'बिजली' को इलाज के लिए गुजरात भेजा जा रहा है, जहां उसका उपचार वनतारा में होगा। यह कदम बाघिन के स्वास्थ्य के बेहतर उपचार के लिए उठाया गया है।

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VINAY VERMA
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Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ के रायपुर जंगल सफारी की घायल बाघिन 'बिजली' को उपचार के लिए गुजरात भेजा जा रहा है। इस बाघिन को किडनी की समस्या से जूझने के कारण विशेष इलाज की आवश्यकता है, जिसके लिए उसे ट्रेन के माध्यम से गुजरात के जामनगर स्थित 'वनतारा' भेजने की योजना है। यह मामला राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसमें उन्होंने बाघिन के इलाज की व्यवस्था की जानकारी दी। 

घायल बाघिन 'बिजली' का इलाज 

रायपुर जंगल सफारी में 'बिजली' नामक बाघिन किडनी की समस्या से पीड़ित थी, जिससे उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही थी। बाघिन के उपचार के लिए विशेषज्ञों की सलाह से उसे गुजरात के जामनगर स्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (Greens Zoological Rescue and Rehabilitation Center) विशेष ट्रेन से भेजने की योजना है, जहां उसके समुचित इलाज की व्यवस्था की जाएगी।  

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ट्रेन से वनतारा जाएगी घायल बाघिन

घायल बाघिन बिजली के इलाज के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। बाघिन को विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेलवे कोच में भेजने की योजना है, जो उसकी सुरक्षा और आराम के लिए विशेष रूप से बनाया गया है। रेलवे, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर बाघिन की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी निगरानी भी कर  रहे है।

ट्रेन से यात्रा की प्रक्रिया

घायल बाघिन 'बिजली' को ट्रेन के माध्यम से गुजरात भेजने की योजना को राज्य के वन विभाग ने तुरंत लागू किया। इसके लिए केंद्रीय सरकार से 24 घंटे के भीतर विशेष रेलवे कोच की अनुमति प्राप्त की गई। इस कोच में डॉक्टरों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है ताकि यात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना किया जा सके। 

वन मंत्री केदार कश्यप ने लिया जायजा

छत्तीसगढ़ वनमंत्री केदार कश्यप ने इस मामले की निगरानी की और सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बाघिन के इलाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाघिन को सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्राप्त होगा, जिससे उसकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बाघिन को जामनगर एनिमल रेस्क्यू सेंटर वनतारा के ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में विशेषज्ञों द्वारा इलाज दिया जाएगा। 

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क्यों अहम है यह कदम? 

संकटग्रस्त बाघों की संख्या में वृद्धि

छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में बाघों की संख्या संकट में है। इस प्रकार के प्रयास यह सुनिश्चित करते हैं कि घायल या बीमार बाघों का इलाज सही तरीके से किया जा सके, ताकि उनकी प्रजाति का संरक्षण किया जा सके। 'बिजली' के इलाज के इस कदम को बाघों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

सुरक्षा की विशेष व्यवस्था

इस प्रक्रिया में वन विभाग, रेलवे और स्थानीय प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने बाघिन के यात्रा के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की। विशेष रेलवे कोच में बाघिन की सुरक्षा के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई थीं, और यह सुनिश्चित किया गया कि यात्रा के दौरान कोई असुविधा या खतरा न हो।

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