रायपुर नगर निगम में बीजेपी 15 साल बाद फिर बनाएगी अपना ये रिकॉर्ड

Raipur Municipal Corporation sabhaapati : इस बार सभापति के लिए सदन का संचालन अन्य बार की अपेक्षा ज्यादा मुश्किल नहीं है। वजह, विपक्षी पार्टी कांग्रेस से महज सात पार्षद चुनकर निगम पहुंचे हैं।

author-image
Marut raj
New Update
Raipur Municipal Corporation  sabhaapati the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Raipur Municipal Corporation  sabhaapati :  रायपुर नगर निगम में महापौर और पार्षदों का निर्वाचन होने के बाद सभापति चयन की तैयारियां तेज हो गई हैं। निगम के 70 में 60 पार्षद भाजपा के हैं। ऐसे में सभापति भी बीजेपी का बनना ही तय है।

बीजेपी ने रायपुर समेत प्रदेश के सभी नगर निगम में सभापति का नाम फाइनल करने हर नगरीय निकाय में एक-एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर दी है। रायपुर में सभापति को लेकर कुछ नामों की चर्चा जोरों पर है। 

ये खबर भी पढ़ें.... छत्तीसगढ़ में बनेगा एकता मॉल... सभी राज्यों की खुलेंगी दुकानें

 

मीनल के लिए सदन की राह आसान


निगम की सामान्य सभा के संचालन में सभापति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। संवैधानिक पद होने के साथ ही यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। सामान्य सभा का संचालन उस समय और कठिन हो जाता है, जब सदन में पक्ष और विपक्ष के पार्षदों की संख्या लगभग बराबर हो।

ये खबर भी पढ़ें.... 74 जवानों को मारने वाले नक्सली हिड़मा के गांव में पहली बार वोटिंग

 

एक तरफ महापौर और उनकी परिषद तथा पार्षद होते हैं तो दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष और उनके पार्षद होते हैं। सभापति या तो सत्ता पक्ष से होता या विपक्ष से। इस साल हुए चुनाव को मिलाकर पिछले पांच कार्यकाल में चार बार महापौर का चुनाव डायरेक्ट हुआ है। बीजेपी से दो बार महापौर बने हैं और दोनों बार यह स्थिति है कि सभापति भी उन्हीं की पार्टी से चुने गए। 2004 में सुनील सोनी महापौर थे। उस समय बीजेपी से ही रतन डागा सभापति चुने गए थे।

ये खबर भी पढ़ें.... सिम्स के HOD डॉ. टेंभूर्णिकर पर जूनियर के यौन उत्पीड़न का केस दर्ज

साल 2025 में मीनल महापौर चुनी गई हैं। इस बार भी बीजेपी से सभापति बनना तय है। यानी महापौर और सभापति एक ही पार्टी के रहेंगे। इस बार सभापति के लिए सदन का संचालन अन्य बार की अपेक्षा ज्यादा मुश्किल नहीं है। क्योंकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस से महज सात पार्षद चुनकर निगम पहुंचे हैं।

ये खबर भी पढ़ें.... सिम्स के HOD डॉ. टेंभूर्णिकर पर जूनियर के यौन उत्पीड़न का केस दर्ज

 

साल मेयर सभापति
2004  सुनील सोनी, बीजेपी  रतन डागा, बीजेपी 
2009  किरणमयी नायक, कांग्रेस  संजय श्रीवास्तव, बीजेपी 
2014  प्रमोद दुबे, कांग्रेस  प्रफुल्ल विश्वकर्मा, बीजेपी 
2019  एजाज ढेबर, कांग्रेस  प्रमोद दुबे, कांग्रेस 
2025   मीनल चौबे, बीजेपी  ......? बीजेपी

FAQ

रायपुर नगर निगम में सभापति चयन को लेकर बीजेपी की स्थिति क्या है ?
रायपुर नगर निगम में महापौर और पार्षदों के निर्वाचन के बाद सभापति चयन की तैयारियां तेज हो गई हैं। निगम के 70 में से 60 पार्षद बीजेपी के हैं, जिससे सभापति का चयन भी बीजेपी से ही होना तय है। बीजेपी ने प्रदेश के सभी नगर निगमों में सभापति के चयन के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है।
मीनल को सभापति बनने की राह में कौन सी विशेषताएँ सहायक होंगी ?
मीनल के लिए सभापति बनने की राह इस बार अन्य बारों के मुकाबले आसान होगी। इसका कारण यह है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पास महज सात पार्षद हैं, जिससे सदन का संचालन करने में कोई ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। इस बार बीजेपी के पास बहुमत होने के कारण सदन का संचालन सरल होगा।
पिछले कुछ वर्षों में रायपुर नगर निगम में महापौर और सभापति के चयन की प्रक्रिया में क्या बदलाव आए हैं ?
पिछले पांच कार्यकालों में चार बार महापौर का चुनाव डायरेक्ट हुआ है। इन पांच कार्यकालों में दो बार महापौर बीजेपी से चुने गए हैं, और दोनों बार सभापति भी बीजेपी से ही चुने गए। 2004 में, महापौर सुनील सोनी के समय भी बीजेपी से रतन डागा सभापति चुने गए थे।

 

छत्तीसगढ़ न्यूज रायपुर नगर निगम Raipur Mayor Meenal Choubey Raipur Municipal Corporation रायपुर नगर निगम न्यूज action of Raipur Municipal Corporation