रायपुर. वीआईपी रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड की होटल क्वीन्स क्लब को सील करने पहुंचा निगम का अमला बैरंग वापस लौट आया। होटल पर 76 लाख रुपए का संपत्ति कर बकाया है। होटल प्रबंधन लंबे समय से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं चुका रहा है। होटल का नाम संपत्ति कर के बड़े बकायादारों में शामिल है।
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बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी क्वीन्स क्लब ने अपना टैक्स नहीं चुकाया। नगर निगम का अमला इस होटल को सील करने पहुंचा, लेकिन वापस लौट आया। एक फोन आया और अमले को वापस लौटना पड़ा। इस बात की किसी को कानोंकान भनक तक नहीं लगी।
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किसके फोन पर बैरंग लौटा अमला
निगम का राजस्व अमला क्लब में कार्रवाई करने निकला था। निगम की टीम क्लब तो पहुंची, लेकिन कोई कार्रवाई किए बिना ही उन्हें वापस लौटना पड़ा। 76 लाख रुपए की बकाया राशि न चुकाने के एवज क्लब को सील करने पहुंची टीम केवल एक मौखिक आश्वासन पर वापस लौट गई। यह आश्वासन न तो क्लब के प्रबंधन का था और न ही अधिकारियों को ऊपर से कोई आदेश आया था। पूरी टीम केवल कार्यपालन अभियंता यानी ईई के आश्वासन पर वापस लौट गई। सवाल यही है कि होटल सील करने का आदेश लेकर निकली टीम बिना कार्रवाई किए, केवल EE के आश्वासन पर कैसे वापस लौट गई।
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होटल पर मेहरबान निगम
यहां पर यही सवाल खड़ा होता है कि क्वीन्स क्लब पर आखिर निगम क्यों मेहरबान है। होटल का दबाव इतना है कि अमले को वापस लौटना पड़ रहा है। नई मेयर मेडम के सामने अब यह चुनौती है कि आखिर बड़े बकायादारों की जेब से कर की वसूली कैसे की जाए। यदि यहां पर सख्ती नहीं दिखाई तो जनता की जेब पर बोझ बढ़ता जाएगा। जबकि तब जबकि यह सरकार के विभाग की ही होटल है। साथ ही यह सवाल भी खड़ा होगा कि जनता पर तो निगम तत्काल कार्रवाई कर देता है, लेकिन इनके सामने बेबस हो जाता है।
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