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RAIPUR.छत्तीसगढ़ में लंबे समय से प्रस्तावित पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। पुलिस मुख्यालय से तैयार प्रस्ताव मंत्रालय भेजा जा चुका है और इस पर मंथन जारी है।
सरकार की कोशिश है कि रायपुर में कमिश्नर प्रणाली 1 नवंबर से लागू हो जाए। हालांकि सरकार जल्दबाजी करने की बजाए पूरी प्रक्रिया और मजबूती के साथ इसे लागू करना चाहती है।
15 अगस्त को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद डीजीपी अरुण देव गौतम ने तेजी दिखाते हुए एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति बनाई। समिति ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी। इसके बाद प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया। अब मंत्रालय में मंथन जारी है।
उड़ीसा मॉडल की तरह हो सकती है प्रणाली
गृह विभाग इस प्रस्ताव पर सरकारी स्वीकृति की तैयारी कर रहा है। इस बीच, विभिन्न राज्यों जैसे उड़ीसा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की कमिश्नरी प्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ पुलिस कमिश्नर प्रणाली उड़ीसा मॉडल जैसी हो सकती है। बैठकों का सिलसिला इसलिए जारी है ताकि प्रणाली लागू होने के बाद किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए। पुलिस मुख्यालय की समिति ने डिटेल रिपोर्ट दे दी है। जिस पर अध्ययन किया जा रहा है।
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क्या लागू होगा अध्यादेश
कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के लिए पुलिस एक्ट में संशोधन करना होगा। इसके लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर विधानसभा में विधेयक लाया जा सकता है या फिर अध्यादेश का रास्ता अपनाया जाए। वर्तमान में यह पूरा मामला प्रक्रिया में है, और अंतिम निर्णय पर जल्द ही मुहर लग सकती है।
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम एक प्रशासनिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था के अंतर्गत पुलिस कमिश्नर के पास कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन से संबंधित सभी शक्तियां होती हैं। ज्यादा शक्तियां होने से पुलिस को तेजी से निर्णय ले सकती है। इस सिस्टम के के लिए पुलिस आयुक्त के पास जिला मजिस्ट्रेट जैसी शक्तियां हो जाती हैं।
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रायपुर में इस प्रणाली के फायदे
1. क्विक डिसीजन मेकिंग
कमिश्नर प्रणाली में पुलिस को स्वतंत्र अधिकार होते हैं, जिससे उसे प्रशासन के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता।
2. बेहतर कानून-व्यवस्था
आयुक्त के पास मजिस्ट्रेट पॉवर होने से दंगों, अपराध और ट्रैफिक जैसी समस्याओं पर क्विक रिस्पांस किया जा सकता है।
3. जवाबदेही और ट्रांसपेरेंसी
प्रणाली में जिम्मेदारी तय होती है जिससे जनता को न्याय और सुरक्षा में भरोसा बढ़ता है।
4. मॉडर्न पुलिसिंग (Modern Policing):
तकनीकी साधनों और डेटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया के साथ यह व्यवस्था आधुनिक पुलिसिंग को बढ़ावा देती है।